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Teerthon Mein Teerthraj Prayag (HB)
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इलाहाबाद मुग़लों की नज़र में अल्लाह द्वारा आबाद किया हुआ पवित्र नगर है। प्रयाग है, तीर्थ है, तीर्थराज है, प्रयागराज है। इसकी प्राचीनता असन्दिग्ध है। इसकी पौराणिकता, इसका इतिहास गौरवशाली है। मन्दिरों की ऐसी शृंखला है यहाँ कि इसे मन्दिरों का नगर कहें तो अतिशयोक्ति न होगी।
स्वतंत्रता आन्दोलन में 1857 की क्रान्ति से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन तक में इसकी भागीदारी अति महत्त्वपूर्ण है। स्वतंत्रता आन्दोलन में इस नगर और नेहरू परिवार की भागीदारी ने आनन्द भवन को तो राष्ट्रीय तीर्थ ही बना दिया। इन्दिरा गांधी ने अपने इस पैतृक भवन को राष्ट्र को समर्पित भी कर दिया।
नगर में मन्दिर हैं, ऐतिहासिक स्थल हैं, राष्ट्रीयता के प्रतीक-स्थल हैं और सबसे बढ़कर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पवित्र त्रिवेणी संगम है। प्रयाग की इस स्थापित महत्ता को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है यह पुस्तक।
इलाहाबाद मुग़लों की नज़र में अल्लाह द्वारा आबाद किया हुआ पवित्र नगर है। प्रयाग है, तीर्थ है, तीर्थराज है, प्रयागराज है। इसकी प्राचीनता असन्दिग्ध है। इसकी पौराणिकता, इसका इतिहास गौरवशाली है। मन्दिरों की ऐसी शृंखला है यहाँ कि इसे मन्दिरों का नगर कहें तो अतिशयोक्ति न होगी।
स्वतंत्रता आन्दोलन में 1857 की क्रान्ति से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन तक में इसकी भागीदारी अति महत्त्वपूर्ण है। स्वतंत्रता आन्दोलन में इस नगर और नेहरू परिवार की भागीदारी ने आनन्द भवन को तो राष्ट्रीय तीर्थ ही बना दिया। इन्दिरा गांधी ने अपने इस पैतृक भवन को राष्ट्र को समर्पित भी कर दिया।
नगर में मन्दिर हैं, ऐतिहासिक स्थल हैं, राष्ट्रीयता के प्रतीक-स्थल हैं और सबसे बढ़कर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पवित्र त्रिवेणी संगम है। प्रयाग की इस स्थापित महत्ता को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है यह पुस्तक।
About Author
श्री प्रकाश
जन्म : 12 मई, 1934; को इलाहाबाद।
शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, हिन्दी, अंग्रेज़ी व राजनीतिशास्त्र से स्नातक तथा हिन्दी साहित्य से परास्नातक।
कार्य : पूर्व महासचिव, इलाहाबाद पत्रकार संघ; महासचिव, नारायण दत्त तिवारी जन महाविद्यालय एवं विकास समिति। अनेक वर्षों तक अंग्रेज़ी दैनिक ‘द लीडर’ के सम्पादकीय विभाग में प्रमुख उपसम्पादक के पद पर कार्यरत। ‘मेलजोल सांध्य समाचार' तथा ‘नया ख़ून’ दैनिकों का सम्पादन-प्रकाशन। मासिक पत्र ‘रहस्य रोमांच’ का भी कई वर्षों तक सम्पादन तथा प्रकाशन।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तीर्थों में तीर्थराज प्रयाग’, (धर्म-मीमांसा); ‘द्वीप का रहस्य’ (अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास का अनुवाद); ‘मुद्रा-सिद्धान्त’ (अर्थशास्त्र)आदि।
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