Swasthya Patrakarita

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Roopchand Gautam
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Roopchand Gautam
Language:
Hindi
Format:
Hardback

300

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789387968004 Categories , Tag
Categories: ,
Page Extent:
2

हिंदी में स्वास्थ्य पत्रकारिता की जितनी जरूरत है, वह उतनी ही उपेक्षित है। आवश्यक नहीं कि हर पत्रकार को डॉटर हो जाना चाहिए। लेकिन अखबारों और पत्रिकाओं में स्वास्थ्य को ठीक रखने की ठीक-ठीक एवं आधिकारिक जानकारियाँ छपनी चाहिए। पत्रकारिता का एक प्रमुख लक्ष्य यह भी है कि वह अपने पाठकों को शिक्षित करे, समय की चुनौतियों से दो-चार होने के लिए तैयार करे। इसलिए पाठकों को अपना स्वास्थ्य ठीक रखने तथा नई-पुरानी बीमारियों से निबटने की ताकत देने का काम पत्रकारिता को करना होगा। यह सुखद संकेत है कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए डॉटर्स सरल-सुबोध हिंदी भाषा में लिखने लगे हैं। कुछ डॉटर हिंदी चैनलों पर नियमित चर्चाओं में भाग भी लेने लगे हैं। यह स्वास्थ्य पत्रकारिता के विकास-पथ को प्रशस्त करने का प्रशंसनीय कदम है।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Swasthya Patrakarita”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

हिंदी में स्वास्थ्य पत्रकारिता की जितनी जरूरत है, वह उतनी ही उपेक्षित है। आवश्यक नहीं कि हर पत्रकार को डॉटर हो जाना चाहिए। लेकिन अखबारों और पत्रिकाओं में स्वास्थ्य को ठीक रखने की ठीक-ठीक एवं आधिकारिक जानकारियाँ छपनी चाहिए। पत्रकारिता का एक प्रमुख लक्ष्य यह भी है कि वह अपने पाठकों को शिक्षित करे, समय की चुनौतियों से दो-चार होने के लिए तैयार करे। इसलिए पाठकों को अपना स्वास्थ्य ठीक रखने तथा नई-पुरानी बीमारियों से निबटने की ताकत देने का काम पत्रकारिता को करना होगा। यह सुखद संकेत है कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए डॉटर्स सरल-सुबोध हिंदी भाषा में लिखने लगे हैं। कुछ डॉटर हिंदी चैनलों पर नियमित चर्चाओं में भाग भी लेने लगे हैं। यह स्वास्थ्य पत्रकारिता के विकास-पथ को प्रशस्त करने का प्रशंसनीय कदम है।.

About Author

रूपचंद गौतम स्नातकोत्तर के बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से ‘दलित पत्रकारिता का दलित चेतना पर प्रभाव’ विषय पर शोधकार्य; भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली से ‘नई सदी में समाज पर स्वास्थ्य पत्रकारिता का प्रभाव’ विषय पर पोस्ट डॉटरल फेलोशिप; दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. अंबेडकर कॉलेज एवं मिरांडा हाउस के अलावा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में अध्यापन। लोकायन संस्था द्वारा संचालित लोकायन लोकतंत्र फीचर सेवा, बहुजन अधिकार, सम्यक् भारत एवं हिंदी मासिक ‘बयान’ में सहायक संपादक के अलावा पिछले 26 वर्षों से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में लेखन। आशुलिपि, टंकण, पत्रालेखन, प्रिंट व इलेट्रॉनिक मीडिया तथा पत्रकारिता विषयक लगभग बीस पुस्तकें प्रकाशित।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Swasthya Patrakarita”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED