Santosh Goyal ki Lokpriya Kahaniyan

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Santosh Goyal
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan
Author:
Santosh Goyal
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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विष्णु प्रभाकर संतोष गोयल अपनी कहानियों में परंपरागत साँचे की चिंता नहीं करती। इन कहानियों में न आदी है, न अंत। वह सहज-सरल भाषा में वातावरण निर्माण करती है। डॉ. नामवर सिंह संतोष की कहानियाँ परंपरागत कथानक की अवधारणा को तोड़कर निकली हैं। ये सच्चे अनुभवों की जीवंत व प्रभावशाली कहानियाँ हैं, जो पाठक को सोचने को विवश करती हैं। डॉ. निर्मला जैन संतोष की कहानियों की सहज पठनीयता व आभासहीनता उन्हें विशिष्ट बनाती है। प्रत्येक कहानी एक-दूसरे से भिन्न है। वस्तुतः ये कहानियाँ जीवन यात्राएँ हैं। कथ्य का वैविध्य संतोष की विशिष्ट उपलब्धि है। श्रवण कुमार संतोष की कहानियाँ अपनी तरह की विशिष्ट हैं, जिनकी बनावट बहुत महीन है; वे मन के सूक्ष्म-से-सूक्ष्म तार पकड़ती हैं। ये कहानियाँ सरल रेखीय नहीं है। जटिल से जटिलतर समस्याओं से दो चार होती हैं, फिर भी सहज व सरल होती हैं। चंद्रकांता आज दोराहे पर खड़ी तनावग्रस्त स्त्री की वेदना को व्यक्त करती ये कहानियाँ संतोष को विशिष्ट कहानीकार बनाती हैं। मानव मन के विभिन्न अध्यायों का इतना बारीक व महीन अध्ययन और चित्रण संतोष की अतिरिक्त विशेषता है।

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Description

विष्णु प्रभाकर संतोष गोयल अपनी कहानियों में परंपरागत साँचे की चिंता नहीं करती। इन कहानियों में न आदी है, न अंत। वह सहज-सरल भाषा में वातावरण निर्माण करती है। डॉ. नामवर सिंह संतोष की कहानियाँ परंपरागत कथानक की अवधारणा को तोड़कर निकली हैं। ये सच्चे अनुभवों की जीवंत व प्रभावशाली कहानियाँ हैं, जो पाठक को सोचने को विवश करती हैं। डॉ. निर्मला जैन संतोष की कहानियों की सहज पठनीयता व आभासहीनता उन्हें विशिष्ट बनाती है। प्रत्येक कहानी एक-दूसरे से भिन्न है। वस्तुतः ये कहानियाँ जीवन यात्राएँ हैं। कथ्य का वैविध्य संतोष की विशिष्ट उपलब्धि है। श्रवण कुमार संतोष की कहानियाँ अपनी तरह की विशिष्ट हैं, जिनकी बनावट बहुत महीन है; वे मन के सूक्ष्म-से-सूक्ष्म तार पकड़ती हैं। ये कहानियाँ सरल रेखीय नहीं है। जटिल से जटिलतर समस्याओं से दो चार होती हैं, फिर भी सहज व सरल होती हैं। चंद्रकांता आज दोराहे पर खड़ी तनावग्रस्त स्त्री की वेदना को व्यक्त करती ये कहानियाँ संतोष को विशिष्ट कहानीकार बनाती हैं। मानव मन के विभिन्न अध्यायों का इतना बारीक व महीन अध्ययन और चित्रण संतोष की अतिरिक्त विशेषता है।

About Author

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी., डिप्लोमा इन लिंग्विस्टिक्स, पी-एच.डी. की उपाधि के लिए किए जानेवाले शोध ग्रंथों का निर्देशन। रचना-संसार : 17 कहानी-संग्रह; 8 उपन्यास। युग निर्माता कवि : निराला, रामकथा : एक मनोचिकित्सा प्रणाली, बीसवीं सदी : कुछ प्रश्न, कंप्यूटर : एक परिचय, जनसंपर्क तथा विज्ञापन, कंप्यूटर का परिचय हिंदी में, जनसंचार : लेखन कला, प्रकाशन से प्रसारण तक (आलोचना), हिंदी उपन्यास कोश 1870-1980 (तीन खंड), साहित्यिक संस्थाओं से संबंध। जड़ें कहानी संग्रह पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की उपाधि के लिए शोध कार्य हुआ। पुरस्कार तथा सम्मान : ‘झूला’ कहानी-संग्रह पर ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’, ‘जैन लेखिका रत्न सम्मान’, ‘कथा विदुषी सम्मान’, एशियाटिक आथर्स एसोसिएशन केनेडा द्वारा ‘साहित्यकार सम्मान’, हिंदी साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा ‘साहित्यकार सम्मान’ सहित अनेक सम्मान और पुरस्कार प्राप्त।

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