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Relativity the Special General Theory
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Swaraj Ka Shankhnaad : Ekal Abhiyan
Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Siddhartha Shankar Gautam
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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ISBN:
SKU
9789390378135
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
336
किसी भी राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति की पूँजी होती है समाज के सामान्य व्यक्ति की समझ, जिसमें शिक्षा की भूमिका का महत्त्वपूर्ण होना स्वयंसिद्ध है। हिंदुस्तान की जनसंख्या को यदि दो भागों में विभक्त करें तो एक बड़ा वर्ग उन ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है जहाँ न सरकार की पहुँच है, न सड़क है, न समाज; शक्ति के रूप में दिखता है और न ही पहुँच है साफ जल की। जो प्रकृति एवं धरती के जितना निकट, वही सांस्कृतिक मूल्यों का धनी है और जो इससे जितना दूर है वही नैतिक गिरावट का साम्राज्य है। किंतु यह विडंबना? जहाँ शिक्षा एवं वैभव है, वहाँ संस्कृति नहीं; और जहाँ नैतिकता है, वहाँ निरक्षरता एवं गरीबी में जीवन जीने को बाध्य हैं। अतः समाधान का मार्ग भी यही है। दोनों वर्गों को आत्मीयता के सेतु से जोड़ दें तो एक की आर्थिक गरीबी दूर होगी तो दूसरे की सांस्कृतिक। और इसी उद्देश्य के समर्पित है एकल अभियान; जिसे सही अर्थों में ‘ग्राम शिक्षा मंदिर’ कहा जाता है।
शिक्षा-संस्कृति-स्वराज को समर्पित एक महाअभियान ‘एकल’ की गौरवगाथा है यह पुस्तक।
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Description
किसी भी राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति की पूँजी होती है समाज के सामान्य व्यक्ति की समझ, जिसमें शिक्षा की भूमिका का महत्त्वपूर्ण होना स्वयंसिद्ध है। हिंदुस्तान की जनसंख्या को यदि दो भागों में विभक्त करें तो एक बड़ा वर्ग उन ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है जहाँ न सरकार की पहुँच है, न सड़क है, न समाज; शक्ति के रूप में दिखता है और न ही पहुँच है साफ जल की। जो प्रकृति एवं धरती के जितना निकट, वही सांस्कृतिक मूल्यों का धनी है और जो इससे जितना दूर है वही नैतिक गिरावट का साम्राज्य है। किंतु यह विडंबना? जहाँ शिक्षा एवं वैभव है, वहाँ संस्कृति नहीं; और जहाँ नैतिकता है, वहाँ निरक्षरता एवं गरीबी में जीवन जीने को बाध्य हैं। अतः समाधान का मार्ग भी यही है। दोनों वर्गों को आत्मीयता के सेतु से जोड़ दें तो एक की आर्थिक गरीबी दूर होगी तो दूसरे की सांस्कृतिक। और इसी उद्देश्य के समर्पित है एकल अभियान; जिसे सही अर्थों में ‘ग्राम शिक्षा मंदिर’ कहा जाता है।
शिक्षा-संस्कृति-स्वराज को समर्पित एक महाअभियान ‘एकल’ की गौरवगाथा है यह पुस्तक।
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