SMRITIYON KE BEECH GHIRI HAI PRITHVI

Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
GAURAV PANDEY
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
GAURAV PANDEY
Language:
Hindi
Format:
Paperback

179

Save: 1%

In stock

Ships within:
3-5 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9788119127726 Category
Category:
Page Extent:
112

कविता मनुष्य की प्रारम्भिक अभिव्यक्ति का साधन रही है। यही वजह है कि कविता में प्रकृति से जुड़ाव के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की हमेशा अहमियत रही। इसी क्रम में कविता उस प्रतिरोध का व्याकरण रचती हुई दिखाई पड़ती है, जो मनुष्यता के सामने किसी भी तरह का अवरोध खड़ा करती है। कविता की इस पुरातन मशाल को आज के युवा कवि आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं । हम अपने जीवन में तमाम लोगों से मिलते-जुलते हैं और उनसे विदा लेते हैं। विदा लेना मिलन की एक नियति भी है। लेकिन कवि तो धारा के प्रतिकूल ही चलने का साहस दिखाता है और इस नियति को बदलने की नीयत भी रखता है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “SMRITIYON KE BEECH GHIRI HAI PRITHVI”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

कविता मनुष्य की प्रारम्भिक अभिव्यक्ति का साधन रही है। यही वजह है कि कविता में प्रकृति से जुड़ाव के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की हमेशा अहमियत रही। इसी क्रम में कविता उस प्रतिरोध का व्याकरण रचती हुई दिखाई पड़ती है, जो मनुष्यता के सामने किसी भी तरह का अवरोध खड़ा करती है। कविता की इस पुरातन मशाल को आज के युवा कवि आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं । हम अपने जीवन में तमाम लोगों से मिलते-जुलते हैं और उनसे विदा लेते हैं। विदा लेना मिलन की एक नियति भी है। लेकिन कवि तो धारा के प्रतिकूल ही चलने का साहस दिखाता है और इस नियति को बदलने की नीयत भी रखता है।

About Author

जन्म – 26 दिसम्बर 1991, (ग्राम दरवेशपुर, जिला कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश) शिक्षा – इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. हिन्दी और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से समकालीन हिन्दी कविता की लोकचेतना (विशेष सन्दर्भ: सन् 1980 के बाद की कविता) विषय पर पी-एच.डी. । प्रकाशन – धरती भी एक चिड़िया है कविता संग्रह 2021 में साहित्य अकादेमी से प्रकाशित । हिन्दी की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं ब्लॉग पर कविताएँ एवं आलेख प्रकाशित। कविताओं के अनुवाद अँग्रेज़ी, बांग्ला, गुजराती, मराठी भाषाओं में भी। आकाशवाणी समेत प्रसारण माध्यम के कई चैनलों से कविताएँ प्रसारित। गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की भित्ति पत्रिका लोकचेतना का 5 वर्ष तक सम्पादन । सम्प्रति : गोस्वामी तुलसीदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्वी, चित्रकूट में असिस्टेण्ट प्रोफ़ेसर हिन्दी के रूप में अध्यापनरत ।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “SMRITIYON KE BEECH GHIRI HAI PRITHVI”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED