Sanchar Ke Mool Siddhant (HB)

Publisher:
Lokbharti
| Author:
oth
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Lokbharti
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oth
Language:
Hindi
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Hardback

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संचार एक आधारभूत सामाजिक विज्ञान है। इसी से जुड़कर समस्त सामाजिक विज्ञान अपनी विकास यात्रा में है। संचार को हम सामाजिक विज्ञानों एवं धरती के समस्त ज्ञान की प्राणवायु भी कह सकते हैं।
यह पुस्तक संचार के प्रकार, प्रक्रिया तथा विविध सिद्धान्तों पर केन्द्रित है। संचार और अन्य सामाजिक विज्ञानों के परस्पर सम्बन्धों का विस्तृत विवेचन प्रथम बार इस पुस्तक में प्रस्तुत है। संचार के क्षेत्र एवं उपयोगिता के विवेचन के साथ-साथ संचार के विभिन्न प्रकारों का व्यापक वर्णन भी इसमें है। इस पुस्तक की सहायता से अध्येता आभ्यन्तर संचार, अन्तर्वैयक्तिक संचार, समूह संचार एवं जनसंचार के अतिरिक्त ग्रामीण तथा परम्परागत संचार के सम्बन्ध में भी व्यापक दृष्टि का विकास कर सकता है।
उक्त आधारभूत तथ्यों के ज्ञान के साथ-साथ इस पुस्तक के द्वारा भारतीय संचार सिद्धान्त का भी ज्ञान सरलतापूर्वक मिल सकता है।
यह पुस्तक संचार एवं पत्रकारिता के अध्येताओं के अतिरिक्त भाषा-विज्ञान, मानवशास्त्र तथा अन्य सामाजिक विज्ञानों के अध्येताओं के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है। इस पुस्तक की सहायता से संचार को समग्र रूप में समझा तथा आत्मसात् किया जा सकता है। उक्त विशेषताओं के कारण यह पुस्तक संचार के अध्येताओं के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी, ऐसी धारणा एवं विश्वास के साथ यह पुस्तक आपके बीच प्रस्तुत है।

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Description

संचार एक आधारभूत सामाजिक विज्ञान है। इसी से जुड़कर समस्त सामाजिक विज्ञान अपनी विकास यात्रा में है। संचार को हम सामाजिक विज्ञानों एवं धरती के समस्त ज्ञान की प्राणवायु भी कह सकते हैं।
यह पुस्तक संचार के प्रकार, प्रक्रिया तथा विविध सिद्धान्तों पर केन्द्रित है। संचार और अन्य सामाजिक विज्ञानों के परस्पर सम्बन्धों का विस्तृत विवेचन प्रथम बार इस पुस्तक में प्रस्तुत है। संचार के क्षेत्र एवं उपयोगिता के विवेचन के साथ-साथ संचार के विभिन्न प्रकारों का व्यापक वर्णन भी इसमें है। इस पुस्तक की सहायता से अध्येता आभ्यन्तर संचार, अन्तर्वैयक्तिक संचार, समूह संचार एवं जनसंचार के अतिरिक्त ग्रामीण तथा परम्परागत संचार के सम्बन्ध में भी व्यापक दृष्टि का विकास कर सकता है।
उक्त आधारभूत तथ्यों के ज्ञान के साथ-साथ इस पुस्तक के द्वारा भारतीय संचार सिद्धान्त का भी ज्ञान सरलतापूर्वक मिल सकता है।
यह पुस्तक संचार एवं पत्रकारिता के अध्येताओं के अतिरिक्त भाषा-विज्ञान, मानवशास्त्र तथा अन्य सामाजिक विज्ञानों के अध्येताओं के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है। इस पुस्तक की सहायता से संचार को समग्र रूप में समझा तथा आत्मसात् किया जा सकता है। उक्त विशेषताओं के कारण यह पुस्तक संचार के अध्येताओं के लिए उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी, ऐसी धारणा एवं विश्वास के साथ यह पुस्तक आपके बीच प्रस्तुत है।

About Author

प्रो. ओमप्रकाश सिंह

जन्म : 30 नवम्बर, 1959; जनपद जौनपुर (उ.प्र.)।

शिक्षा : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.जे., एम.ए. (राजनीति विज्ञान), डिप्लोमा योग, फ़ोटोग्राफ़ी एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा पीएच.डी. उपाधियाँ।

सम्प्रति : प्रोफ़ेसर एवं निदेशक; मालवीय पत्रकारिता संस्थान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी (उ.प्र.)

प्रमुख प्रकाशन : ‘संचार माध्यमों का प्रभाव’ पर पीएच.डी. उपाधि एवं पाँच दर्जन से अधिक मौलिक शोध पत्र प्रकाशित। ‘भारतीय शोध पद्धति’ (‘भारतीय संचार सिद्धान्त’) सहित सात पुस्तकें प्रकाशित।

सम्मान : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित।

विशेष : प्रवक्ता, सामाजिक विज्ञान विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय; संवाददाता-हिन्दुस्तान समाचार संवाद समिति सनराइज, सहायक सम्पादक—रूरल इंटीग्रेशन (का.हि.वि.वि.), संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कार्यक्रम अधिकारी। आकाशवाणी/दूरदर्शन के कार्यक्रम अधिकारी पद पर नियुक्ति।

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