SalePaperback
Ritusanharam | ऋतुसंहारम्
Publisher:
Chaukhamba Surbharti Prakashan
| Author:
Kaalidas | Shivprasad Dwivedi (Translator)
| Language:
Hindi | Sanskrit
| Format:
Paperback
₹130 ₹129
Save: 1%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
SKU
PIRITU
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
220
ऋतुसंहारम् कालिदास का एक विख्यात काव्य है। ऋतुसंहार महाकवि कालिदास की प्रथम काव्यरचना मानी जाती है, जिसके छह सर्गो में ग्रीष्म से आरंभ कर वसंत तक की छह ऋतुओं का सुंदर प्रकृतिचित्रण प्रस्तुत किया गया है।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “Ritusanharam | ऋतुसंहारम्” Cancel reply
Description
ऋतुसंहारम् कालिदास का एक विख्यात काव्य है। ऋतुसंहार महाकवि कालिदास की प्रथम काव्यरचना मानी जाती है, जिसके छह सर्गो में ग्रीष्म से आरंभ कर वसंत तक की छह ऋतुओं का सुंदर प्रकृतिचित्रण प्रस्तुत किया गया है।
About Author
कालिदास पहली शताब्दी ई.पू. के संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर कालजयी रचनाओं को लिखा। उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्त्व निरूपित हैं। जो आज भी निर्माण शिल्प में अतुलनीय माने जाते है ।
उनकी मुख्य रचनाएं अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम्; दो महाकाव्य: रघुवंशम् और कुमारसंभवम्; और दो खण्डकाव्य: मेघदूतम् और ऋतुसंहार हैं ।
उनकी मुख्य रचनाएं अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम्; दो महाकाव्य: रघुवंशम् और कुमारसंभवम्; और दो खण्डकाव्य: मेघदूतम् और ऋतुसंहार हैं ।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.
Be the first to review “Ritusanharam | ऋतुसंहारम्” Cancel reply
YOU MAY ALSO LIKE…
Aapki Skill:Aapki Udaan (आपकी स्किल : आपकी उड़ान )
Save: 1%
Dhan-Sampatti Ka Manovigyan (The Psychology of Money)
Save: 20%
Prachin Ewam Purva Madhyakalin Bharat Ka Etihas
Save: 15%
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.