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Nepathya Nayak : Lakshmi Chandra Jain
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
मोहन किशोर दीवान
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
मोहन किशोर दीवान
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹115 ₹114
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ISBN:
SKU
8126301597
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
188
नेपथ्य नायक : लक्ष्मीचन्द्र जैन –
असाधारण व्यक्तित्व के धनी तथा सौम्यता, सज्जनता और भद्रता की प्रतिमूर्ति लक्ष्मीचन्द्र जैन पर केन्द्रित है ‘नेपथ्य नायक…’।
लक्ष्मीचन्द्र जी के संवेदनशील व्यक्तित्व और कृतित्व की, साहित्य, पत्रकारिता, जैन धर्म-दर्शन, कला एवं पुरातत्त्व आदि क्षेत्रों में उनके अनुपम सर्जनात्मक अवदान की, भारतीय साहित्य, विशेष रूप से हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा एक गरिमापूर्ण वातावरण के निर्माण और लगभग सात दशकों तक उनकी ऐतिहासिक महत्त्व की साहित्य सेवाओं की एक लम्बी, गौरवपूर्ण और जीवन्त कहानी है। इसी कहानी की बहुरंगी छवियों को यह पुस्तक – ‘नेपथ्य नायक : लक्ष्मीचन्द्र जैन’ अपनी सीमाओं में प्रस्तुत करती है।
इसमें लक्ष्मीचन्द्र जी के सुदीर्घ जीवन के विविध पक्षों को उजागर करते हृदयग्राही संस्मरण, उनकी जीवनी, परिवेश एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, उनके जीवन के केन्द्र बिन्दु एवं मूलमन्त्र, साहित्य, संस्कृति, कला तथा जैन साहित्य एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। इसमें उनकी सर्वतोमुखी प्रतिभा का संवेदनशील, खरा और निष्पक्ष विवेचन एवं उनके बहुपाश्र्वीय चरित्र के सभी पक्षों को निरूपित, अभिव्यंजित और उजागर किया गया है।
वास्तव में ‘नेपथ्य नायक… लक्ष्मीचन्द्र जैन’ के बहुआयामी जीवन-कर्म को बहुत निकट से देखने-समझने की एक ईमानदार कोशिश है—विनम्र श्रद्धांजलि के साथ!
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Description
नेपथ्य नायक : लक्ष्मीचन्द्र जैन –
असाधारण व्यक्तित्व के धनी तथा सौम्यता, सज्जनता और भद्रता की प्रतिमूर्ति लक्ष्मीचन्द्र जैन पर केन्द्रित है ‘नेपथ्य नायक…’।
लक्ष्मीचन्द्र जी के संवेदनशील व्यक्तित्व और कृतित्व की, साहित्य, पत्रकारिता, जैन धर्म-दर्शन, कला एवं पुरातत्त्व आदि क्षेत्रों में उनके अनुपम सर्जनात्मक अवदान की, भारतीय साहित्य, विशेष रूप से हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उनके द्वारा एक गरिमापूर्ण वातावरण के निर्माण और लगभग सात दशकों तक उनकी ऐतिहासिक महत्त्व की साहित्य सेवाओं की एक लम्बी, गौरवपूर्ण और जीवन्त कहानी है। इसी कहानी की बहुरंगी छवियों को यह पुस्तक – ‘नेपथ्य नायक : लक्ष्मीचन्द्र जैन’ अपनी सीमाओं में प्रस्तुत करती है।
इसमें लक्ष्मीचन्द्र जी के सुदीर्घ जीवन के विविध पक्षों को उजागर करते हृदयग्राही संस्मरण, उनकी जीवनी, परिवेश एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, उनके जीवन के केन्द्र बिन्दु एवं मूलमन्त्र, साहित्य, संस्कृति, कला तथा जैन साहित्य एवं पुरातत्त्व के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। इसमें उनकी सर्वतोमुखी प्रतिभा का संवेदनशील, खरा और निष्पक्ष विवेचन एवं उनके बहुपाश्र्वीय चरित्र के सभी पक्षों को निरूपित, अभिव्यंजित और उजागर किया गया है।
वास्तव में ‘नेपथ्य नायक… लक्ष्मीचन्द्र जैन’ के बहुआयामी जीवन-कर्म को बहुत निकट से देखने-समझने की एक ईमानदार कोशिश है—विनम्र श्रद्धांजलि के साथ!
About Author
मोहनकिशोर दीवान -
जन्म 2 अक्तूबर, 1940, पंजाब में डी.ए.वी. कॉलेज जालन्धर से बी.ए. ऑनर्स। गत चार दशकों से पत्रकारिता, लेखन, कला, जन सम्पर्क एवं विज्ञापन के क्षेत्रों में सक्रिय काउन्सिल ऑफ़ एडवर्टाइज़िंग के सभापति रहे। टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, ज्ञानोदय, जे.के. एवं आई.आई.टी. खड़गपुर में भी कार्यरत रहे। अमेरिका, कनाडा, इंग्लैण्ड, फ्रांस, इटली, हालैण्ड, स्विट्ज़रलैण्ड, हाँगकाँग, बैंकाक, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश आदि देशों की यात्राएँ कीं। पिछले क़रीब चार दशकों से कलकत्ता में निवास।
देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लेखन प्रकाशित। कविता-संग्रह 'छोटी-छोटी सच्चाइयाँ' विशेष रूप से चर्चित रहा है। काव्य और कला की एक नयी विधा 'पोएटिंग्स' के जन्मदाता। इनकी 'पोएटिंग्स' की एकल प्रदर्शनियाँ भी आयोजित हुई हैं।
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