Mrityunjaya (hindi) मृत्युंजय (hardcover)

Publisher:
Bhartiya Jnanpith
| Author:
Shivaji Sawant
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Bhartiya Jnanpith
Author:
Shivaji Sawant
Language:
Hindi
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Hardback

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SKU 9789357755726 Category
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742

मृत्युंजय – मराठी के यशस्वी उपन्यासकार शिवाजी सावन्त का सांस्कृतिक उपन्यास ‘मृत्युंजय’ आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य में निस्सन्देह एक विरल चमत्कार है। ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’ सहित कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित और अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित यह कालजयी उपन्यास अपने लाखों पाठकों की सराहना पाकर इस समय भारतीय साहित्य जगत में लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित है। ‘मृत्युंजय’ उपन्यास महारथी दानवीर कर्ण के विराट् व्यक्तित्व पर केन्द्रित है। महाभारत के कई मुख्य पात्रों के बीच——जहाँ स्वयं कृष्ण भी हैं। कर्ण की ओजस्वी, उदार, दिव्य और सर्वांगीण छवि प्रस्तुत करते हुए श्री सावन्त ने जीवन की सार्थकता, उसकी नियति और मूल-चेतना तथा मानव-सम्बन्धों की स्थिति एवं संस्कारशीलता की मार्मिक और कलात्मक अभिव्यक्ति की है। ‘मृत्युंजय’ में पौराणिक कथ्य और सनातन सांस्कृतिक चेतना के अन्तःसम्बन्धों को पूरी गरिमा के साथ उजागर किया गया है। उपन्यास को महाकाव्य का धरातल देकर चरित्र की इतनी सूक्ष्म पकड़, शैली का इतना सुन्दर निखार और भावनाओं की अभिव्यक्ति में इतना मार्मिक रसोद्रेक——सब-कुछ इस उपन्यास में अनूठा है। प्रस्तुत है ‘मृत्युंजय’ का यह नवीनतम संस्करण।

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मृत्युंजय – मराठी के यशस्वी उपन्यासकार शिवाजी सावन्त का सांस्कृतिक उपन्यास ‘मृत्युंजय’ आधुनिक भारतीय कथा-साहित्य में निस्सन्देह एक विरल चमत्कार है। ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’ सहित कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित और अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित यह कालजयी उपन्यास अपने लाखों पाठकों की सराहना पाकर इस समय भारतीय साहित्य जगत में लोकप्रियता के शिखर पर प्रतिष्ठित है। ‘मृत्युंजय’ उपन्यास महारथी दानवीर कर्ण के विराट् व्यक्तित्व पर केन्द्रित है। महाभारत के कई मुख्य पात्रों के बीच——जहाँ स्वयं कृष्ण भी हैं। कर्ण की ओजस्वी, उदार, दिव्य और सर्वांगीण छवि प्रस्तुत करते हुए श्री सावन्त ने जीवन की सार्थकता, उसकी नियति और मूल-चेतना तथा मानव-सम्बन्धों की स्थिति एवं संस्कारशीलता की मार्मिक और कलात्मक अभिव्यक्ति की है। ‘मृत्युंजय’ में पौराणिक कथ्य और सनातन सांस्कृतिक चेतना के अन्तःसम्बन्धों को पूरी गरिमा के साथ उजागर किया गया है। उपन्यास को महाकाव्य का धरातल देकर चरित्र की इतनी सूक्ष्म पकड़, शैली का इतना सुन्दर निखार और भावनाओं की अभिव्यक्ति में इतना मार्मिक रसोद्रेक——सब-कुछ इस उपन्यास में अनूठा है। प्रस्तुत है ‘मृत्युंजय’ का यह नवीनतम संस्करण।

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