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Mayuram : Shabdon Ka Bheega Nritya
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
नम्रता शाह दुबे
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
नम्रता शाह दुबे
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹595 ₹446
Save: 25%
In stock
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1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789390678402
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
60
शब्दों में भीगा मयूरम –
यह कविता संग्रह काव्यानुभूति की एक नवेली आभा के साथ पाठकों के समक्ष हैI इन कविताओं में गीली मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू और सितारों के राग हैंI एक नन्हा काव्यमयी ह्रदय जब प्रथम बार अपनी धमनियों में शब्दों की गुनगुनाहट महसूस करता है तो उन्हें काग़ज़ पर उतारते हुए एक आत्मीय अहसास उसे घेर लेता हैI इसी अहसास को ख़ुद में समेटे हुए यह कोमल और सपनीली कविताएँ पाठकों के सामने हैंI जैसा कि इस संग्रह के शीर्षक से ही ज्ञात होता है कि यह कविताएँ मन की भंगिमाओं को प्रस्तुत करती हैं और करुण होकर इन्हें सींच रही हैंI ऐसे में पाठकों को यह पूरा अधिकार है कि इन नन्ही पाखियों-सी कविताओं को वह चाहे तो अपना स्वप्न दे दे या असीम स्नेह, एक ही बात हैI
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Description
शब्दों में भीगा मयूरम –
यह कविता संग्रह काव्यानुभूति की एक नवेली आभा के साथ पाठकों के समक्ष हैI इन कविताओं में गीली मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू और सितारों के राग हैंI एक नन्हा काव्यमयी ह्रदय जब प्रथम बार अपनी धमनियों में शब्दों की गुनगुनाहट महसूस करता है तो उन्हें काग़ज़ पर उतारते हुए एक आत्मीय अहसास उसे घेर लेता हैI इसी अहसास को ख़ुद में समेटे हुए यह कोमल और सपनीली कविताएँ पाठकों के सामने हैंI जैसा कि इस संग्रह के शीर्षक से ही ज्ञात होता है कि यह कविताएँ मन की भंगिमाओं को प्रस्तुत करती हैं और करुण होकर इन्हें सींच रही हैंI ऐसे में पाठकों को यह पूरा अधिकार है कि इन नन्ही पाखियों-सी कविताओं को वह चाहे तो अपना स्वप्न दे दे या असीम स्नेह, एक ही बात हैI
About Author
नम्रता शाह दुबे -
नम्रता शाह दुबे एक राष्ट्रीयकृत बैंक में वरिष्ठ प्रबन्धक के पद पर वाराणसी में कार्यरत हैं। बापू की नगरी गुजरात में जन्मी नम्रता का परिवार एक साल बाद ही वाराणसी आ गया और वे यहीं पलीं-बढ़ीं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट तथा आई.आई.आई.टी इलाहाबाद से एम.बीए. किया। शादी भी यहीं हो गयी तो भोले की नगरी की होकर रह गयीं। लिखने का शौक़ तो स्कूल के समय से रहा और स्कूल की वार्षिक मैगज़ीन में कई बार कविताएँ छपीं भी। फिर इंटर कॉलेज स्पर्धाओं में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले। कई छोटी-बड़ी कविताएँ बैंक की स्पर्धाओं एवं ब्लॉग पर आती रहती हैं। ‘शब्दों में भीगा मयूरम’ इनका पहला कविता संग्रह हैI
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