![](https://padhegaindia.in/wp-content/themes/woodmart/images/lazy.png)
Save: 20%
![](https://padhegaindia.in/wp-content/themes/woodmart/images/lazy.png)
Save: 20%
Mangla Se Shayan Tak (PB)
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹225 ₹191
Save: 15%
In stock
Ships within:
In stock
ISBN:
Page Extent:
मैं इंसानियत में बसता हूँ/लोग मुझे मज़हबों में ढूँढ़ते हैं।’
ज़िन्दगी को आसान कर देनेवाला ये फ़लसफ़ा ही ‘मंगला से शयन तक’ का मुख्य आधार है जिसे डॉ. अचला नागर ने इतने रोचक अन्दाज़ में कह दिया कि उपन्यास कहीं भी बोझिल नहीं हो पाता।
इस उपन्यास में वर्तमान और देश के विभाजन उपरान्त के तो ट्रैक एक साथ कहानियाँ सुना रहे हैं। वर्तमान में शहर के जाने-माने और लोकप्रिय गायक-संगीतकार उस्ताद रमजान अली ख़ान जिन्हें सभी प्यार से नन्हें भाई कहते हैं, जो ख़ुद को मज़हबे-इन्सानियत का नुमाइन्दा बतलाते हैं, क्योंकि उन्हें जन्म दिया एक मुसलमान माँ ने, अपना दूध पिला के ज़िन्दा रखा एक सिख महिला प्रकाश कौर ने, और पाल-पोस कर संगीत के इस मुकाम तक पहुँचाया हिन्दू महिला पद्ममश्री तारा शर्मा ने, जो हालात की भंवर में डूबते उतराते एक ख्यातिप्राप्त गायिका बन गई थी । अपने कथ्य और प्रभाव में बेहद महत्त्वपूर्ण उपन्यास।
मैं इंसानियत में बसता हूँ/लोग मुझे मज़हबों में ढूँढ़ते हैं।’
ज़िन्दगी को आसान कर देनेवाला ये फ़लसफ़ा ही ‘मंगला से शयन तक’ का मुख्य आधार है जिसे डॉ. अचला नागर ने इतने रोचक अन्दाज़ में कह दिया कि उपन्यास कहीं भी बोझिल नहीं हो पाता।
इस उपन्यास में वर्तमान और देश के विभाजन उपरान्त के तो ट्रैक एक साथ कहानियाँ सुना रहे हैं। वर्तमान में शहर के जाने-माने और लोकप्रिय गायक-संगीतकार उस्ताद रमजान अली ख़ान जिन्हें सभी प्यार से नन्हें भाई कहते हैं, जो ख़ुद को मज़हबे-इन्सानियत का नुमाइन्दा बतलाते हैं, क्योंकि उन्हें जन्म दिया एक मुसलमान माँ ने, अपना दूध पिला के ज़िन्दा रखा एक सिख महिला प्रकाश कौर ने, और पाल-पोस कर संगीत के इस मुकाम तक पहुँचाया हिन्दू महिला पद्ममश्री तारा शर्मा ने, जो हालात की भंवर में डूबते उतराते एक ख्यातिप्राप्त गायिका बन गई थी । अपने कथ्य और प्रभाव में बेहद महत्त्वपूर्ण उपन्यास।
About Author
अचला नागर
जन्म : 2 दिसम्बर, लखनऊ (उ.प्र.)।
शिक्षा : बी.एससी., एम.ए., पीएच.डी. (हिन्दी साहित्य)।
साहित्य : 'निहारिका', 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान', ‘धर्मयुग’, 'सारिका', 'कादम्बिनी' आदि प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित।
प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : कहानी-संग्रह 'नायक-खलनायक’, ‘बोल मेरी मछली’, ‘कथा-सागर की मछलियाँ'; संस्मरणात्मक पुस्तक ‘अमृतलाल नागर की बाबूजी, बेटाजी एंड कम्पनी'; उपन्यास 'छल', ‘मंगला से शयन तक’; रंगमंच नाटक 'बाइस्कोप वाला चितचोर' आदि।
फ़िल्म-धारावाहिक : विगत कई वर्षों से फिल्मोद्योग में कथा, पटकथा एवं संवाद लेखिका के रूप में ख्यातिपूर्वक प्रतिष्ठित। प्रमुख फ़िल्में 'निकाह', ‘आख़िर क्यों’, 'ईश्वर', 'नगीना', 'बाग़बान’, ‘बाबुल’ आदि। विभिन्न धारावाहिकों के लगभग चार हज़ार एपिसोड।
साहित्य-सम्मान : हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा ‘यशपाल अनुशंसा पुरस्कार’ (1987); हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा ‘साहित्य भूषण पुरस्कार’ (2003); ब्रज कला केन्द्र द्वारा ‘ब्रज विभूति सम्मान’ (2006); 'उत्तराधिकार अमृत्तलाल नागर', दुष्यन्त कुमार पांडुलिपि संग्रहालय, भोपाल (2007)'; ‘सारस्वत सम्मान आशीर्वाद’ (2009); हिन्दी-उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी, उत्तर प्रदेश द्वारा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान’ (2009); ‘पं. अमृतलाल नागर एवं रमई काका स्मृति अवध सम्मान’ (2009); ‘मालवा भारत हिन्दी साहित्य सम्मान’ (2010); महाराष्ट्र राज्य हिन्दी अकादमी द्वारा ‘सुब्रमण्यम भारती हिन्दी सेतु विशिष्ट सेवा पुरस्कार’ (2010-2011); ‘परिवार पुरस्कार’ (2010)।
फ़िल्म-सम्मान : फ़िल्म 'निकाह' के लिए ‘फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड’, ‘उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट अवार्ड’, ‘सलाम बाम्बे अवार्ड—‘गीत’, ‘आशीर्वाद सम्मान’—'आख़िर क्यों', ‘बलराज साहनी सम्मान’—'हिमाचल प्रदेश', ‘नामी रिपोर्टर अवार्ड’—‘बाबुल', ‘दादासाहेब फाल्के अकादमी सम्मान’ आदि ।
टेलीविज़न सम्मान : ‘अष्टान पुरस्कार’ धारावाहिक ‘सम्बन्ध’ के लिए और ‘मदर्स अचीवर्स अवार्ड' (ईटीवी चैनल)।
ई-मेल : achala0212@gmail.com
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.