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Maharshi Vitthal Ramji Shinde : Jeevan Aur Karya (HB)
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About Author
गो.मा. पवार
मराठी साहित्य के मान्य आलोचक गोपाल मारुतीराव पवार का जन्म 13 मई, 1932 को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पनगाँव में हुआ था।
उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से 1958 में स्नातकोत्तर की शिक्षा पूरी की और मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, औरंगाबाद से 1976 में पी-एच.डी. की डिग्री हासिल की। लम्बे समय तक अध्यापन किया। दस साल तक साहित्य अकादेमी के मराठी भाषा के सलाहकार मंडल के समन्वयक रहे। महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृति मंडल और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग समेत कई महत्त्वपूर्ण संस्थानों से भी सम्बद्ध रहे। ‘विवेकनिष्ठ जीवनदृष्टि’, ‘साहित्यमूल्य आणि अभिरुचि’, ‘विनोद : तत्त्व आणि स्वरूप’, ‘मराठी विनोद विविध आविष्कार रूपे’ आदि उनकी उल्लेखनीय पुस्तकें हैं। आठ आलोचना-पुस्तकों का उन्होंने सम्पादन भी किया। महर्षि शिंदे का व्यक्तित्व और कृतित्व गो.मा. पवार के अध्ययन का विशेष विषय रहा और इस पर उनकी स्वतंत्र और सम्पादित, लगभग दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
मूलत: मराठी में लिखित ‘महर्षी विट्ठल रामजी शिंदे : जीवन व कार्य’ पुस्तक के लिए उन्हें 2007 में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ प्रदान किया गया। सोलापुर विश्वविद्यालय ने उन्हें 2016 में ‘आजीवन उपलब्धि पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया। इसके अलावा भी उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए।
16 अप्रैल, 2019 को सोलापुर में उनका निधन हो गया।
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