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MADAN KASHYAP KA KAVI KRAM

Publisher:
Setu Prakashan
| Author:
ARUN HOTA
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Setu Prakashan
Author:
ARUN HOTA
Language:
Hindi
Format:
Paperback

440

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3-5 Days

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SKU 9789380441849 Category
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Page Extent:
328

मदन कश्यप समय और समाज के चितेरे कवि हैं। उनकी कविताओं में समय और समाज समग्रता में अंकित हुआ है। आन्दोलन की पृष्ठभूमि में उनकी कविता का जन्म हुआ है। ज़मीन से जुड़ा हुआ कवि का जीवनानुभव समय को मूर्त करता है बड़े असरदार तरीके से। इस कवि के काव्य- – विकास पर ध्यान दें तो स्पष्ट पता चलता है कि यहाँ अन्तर्वस्तु और शिल्प के धरातल पर वैविध्य है। प्रेम, गृहस्थ-जीवन, स्त्री, राजनीति, प्रकृति और पर्यावरण, किसान, दलित-आदिवासी आदि तमाम विषयों और संवेदनाओं के बिम्ब एवं दृश्य पाठकों के अन्तर्मन को प्रभावित करते हैं। गाँव, जनपद, महानगर, देस आदि के साथ विदेश के सुन्दर चित्रपट सँजोते हुए कवि ने अपनी विशिष्टता बनाये रखी है। कवि की संवेदना के आयतन का विस्तार उसकी कविताओं से साफ़ देखा जा सकता है।

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Description

मदन कश्यप समय और समाज के चितेरे कवि हैं। उनकी कविताओं में समय और समाज समग्रता में अंकित हुआ है। आन्दोलन की पृष्ठभूमि में उनकी कविता का जन्म हुआ है। ज़मीन से जुड़ा हुआ कवि का जीवनानुभव समय को मूर्त करता है बड़े असरदार तरीके से। इस कवि के काव्य- – विकास पर ध्यान दें तो स्पष्ट पता चलता है कि यहाँ अन्तर्वस्तु और शिल्प के धरातल पर वैविध्य है। प्रेम, गृहस्थ-जीवन, स्त्री, राजनीति, प्रकृति और पर्यावरण, किसान, दलित-आदिवासी आदि तमाम विषयों और संवेदनाओं के बिम्ब एवं दृश्य पाठकों के अन्तर्मन को प्रभावित करते हैं। गाँव, जनपद, महानगर, देस आदि के साथ विदेश के सुन्दर चित्रपट सँजोते हुए कवि ने अपनी विशिष्टता बनाये रखी है। कवि की संवेदना के आयतन का विस्तार उसकी कविताओं से साफ़ देखा जा सकता है।

About Author

अरुण होता जन्म : 10 जून, 1965, ओड़िशा के सोनपुर जिले के केशलपुरा गाँव में। पिछले तीन दशकों से अध्यापकीय कर्म से सम्बद्ध । आप भाषा-विमर्श पत्रिका के सम्पादक हैं। हिन्दी की तमाम प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में डेढ़ सौ से अधिक आलोचनात्मक लेख प्रकाशित और प्रशंसित आलोचना के क्षेत्र में उनके योगदान हेतु साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश के अखिल भारतीय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, प्रथम गोपाल राय स्मृति सम्मान, लमही सम्मान, फकीरमोहन सेनापति अनुवाद सम्मान आदि से सम्मानित। समकालीन हिन्दी कविता और कथा-साहित्य की आलोचना में आपकी विशेष रुचि है। संस्कृत, ओड़िया, बांग्ला, नेपाली, अँग्रेज़ी आदि कई भाषाओं के ज्ञाता प्रो. होता ने अनुवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : ब्रजबुलि की भाव सम्पदा, तुलनात्मक साहित्य : हिन्दी और ओड़िया के परिप्रेक्ष्य में, आधुनिक हिन्दी कविता : युगीन सन्दर्भ, कविता का समकालीन प्रमेय, समकालीन कविता : चुनौतियाँ और सम्भावनाएँ, भूमण्डलीकरण, बाज़ार और समकालीन कहानी, आदि आलोचनात्मक पुस्तकों के अलावा एनबीटी और साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली से कई अनूदित किताबें प्रकाशित। सृजन का आयतन, तिमिर में ज्योति जैसे, जितेन्द्र श्रीवास्तव : शिनाख़्त आदि अनेक पुस्तकों का सम्पादन कर्म विशेष चर्चित सम्प्रति : पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय, कोलकाता में आचार्य एवं अध्यक्ष।

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