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Lokrangi Prem Kathayen
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लोकरँगी प्रेम – कथाएँ –
‘लोकरँगी प्रेम-कथाएँ’ कहानी संकलन में कुछ प्रसिद्ध लोक कथाओं को शामिल किया गया है। ये कथाएँ लोक-जीवन और लोकव्यवहार के माध्यम से आंचलिक परिवेश में दाख़िल होती हैं और समस्त लोक आभा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती हैं।
साहित्य में आने वाली पीढ़ियाँ इन कथाओं को अपनी विरासत अवश्य मानेंगी। ये कहानियाँ भारतीय जनमानस का अविभाज्य अंग बन चुकी हैं। लैला मजनूँ, सोहनी महीँवाल, हीर राँझा, शीरीं फरहाद, नल दमयन्ती की कहानियाँ सैकड़ों वर्षों से हमारी चेतना में रच-बस चुकी हैं। यह संकलन इन्हीं कहानियों की स्मृति और अठखेलियों में रचा-बसा है।
लोकरँगी प्रेम – कथाएँ –
‘लोकरँगी प्रेम-कथाएँ’ कहानी संकलन में कुछ प्रसिद्ध लोक कथाओं को शामिल किया गया है। ये कथाएँ लोक-जीवन और लोकव्यवहार के माध्यम से आंचलिक परिवेश में दाख़िल होती हैं और समस्त लोक आभा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती हैं।
साहित्य में आने वाली पीढ़ियाँ इन कथाओं को अपनी विरासत अवश्य मानेंगी। ये कहानियाँ भारतीय जनमानस का अविभाज्य अंग बन चुकी हैं। लैला मजनूँ, सोहनी महीँवाल, हीर राँझा, शीरीं फरहाद, नल दमयन्ती की कहानियाँ सैकड़ों वर्षों से हमारी चेतना में रच-बस चुकी हैं। यह संकलन इन्हीं कहानियों की स्मृति और अठखेलियों में रचा-बसा है।
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