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Lal Teen Ki Chhat
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Machhliyan Gayengi Ek Din Pandumgeet
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Lallan Miss
Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
रमा पाण्डेय
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
रमा पाण्डेय
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹250 ₹188
Save: 25%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
SKU
9789390678853
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
70
लल्लन मिस एक हिजड़े की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है, जिसने सामाजिक पूर्वधारणा की दीवारों को तोड़कर झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए एक स्कूल का निर्माण किया, ताकि उनका एक बेहतर ‘भविष्य’ बन सके। चौवालीस वर्षीय राजकुमारी जिसे लल्लन हिजड़ा के नाम से भी जाना जाता है ने पटना में इस स्कूल का निर्माण किया। भू-माफिया की धमकी के बावजूद उसे अभी भी स्कूल चलाने की इच्छा थी । स्कूल चलाने के पन्द्रह साल बाद, लल्लन को भू-माफिया से स्कूल खाली करवाने के लिए धमकियाँ मिलनी शुरू हुईं और बाद में भू-माफिया द्वारा स्कूल को जला दिया गया। इतना होने के बावजूद लल्लन क्षेत्र के अन्य सक्रिय भागीदारों के साथ मिलकर स्कूल का पुनर्निर्माण कराने की कोशिश करती है।
राजकुमारी इस नाटक के बारे में बताती हैं “नेताओं और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लम्बे वादों के बावजूद, स्कूल पूरी तरह से गायकों और नृत्य के माध्यम से अर्जित धन पर चल रहा था। निःशुल्क ट्यूशन, किताबें और भोजन (शनिवार को खिचड़ी) के साथ, स्कूल का बजट लगभग 46,000 रुपये का आता है, जो जीवनयापन के लिए बहुत ही कम था। शुरू में, नेताओं ने स्कूल के लिए सरकारी ज़मीन देने का वादा किया था, लेकिन समय के साथ, यह वादा भी उनके बाक़ी चुनावी वादों की तरह भुला दिया गया था।”
स्कूल के पुनर्निर्माण (लगभग चार साल बाद) के बाद भू-माफियाओं ने जवाबी कार्रवाई की और इस बार लल्लन को जान से मारने की धमकी दी गयी और अन्ततः बुलडोजर से स्कूल को तहस-नहस कर दिया जिसने लल्लन को मानसिक रूप से मार डाला। लेकिन उसने हार नहीं मानी, यह नाटक लल्लन की कभी न असफल होने वाली भावना को दर्शाता है जो हमें जीवन में चीज़ों को प्राप्त करने के लिए चुनौती देता है और प्रोत्साहित करता है।
निर्देशक रमा पाण्डेय नाटक पर अपना मत रखते हुए मानती हैं, “यह नाटक मेरे जीवन की सबसे कठिन चुनौती है, मैंने अपने जीवन के अनुभवों में लल्लन और अन्य हिजड़ों के जीवन को बुना है। मैंने एक दिलचस्प नाटक शैली में गम्भीर कहानी को चित्रित करने की चुनौती ली है, जिसके लिए मैं ‘भपंग’ एक पुराने लोक माध्यम का भी उपयोग कर रही हूँ। “
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Description
लल्लन मिस एक हिजड़े की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है, जिसने सामाजिक पूर्वधारणा की दीवारों को तोड़कर झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए एक स्कूल का निर्माण किया, ताकि उनका एक बेहतर ‘भविष्य’ बन सके। चौवालीस वर्षीय राजकुमारी जिसे लल्लन हिजड़ा के नाम से भी जाना जाता है ने पटना में इस स्कूल का निर्माण किया। भू-माफिया की धमकी के बावजूद उसे अभी भी स्कूल चलाने की इच्छा थी । स्कूल चलाने के पन्द्रह साल बाद, लल्लन को भू-माफिया से स्कूल खाली करवाने के लिए धमकियाँ मिलनी शुरू हुईं और बाद में भू-माफिया द्वारा स्कूल को जला दिया गया। इतना होने के बावजूद लल्लन क्षेत्र के अन्य सक्रिय भागीदारों के साथ मिलकर स्कूल का पुनर्निर्माण कराने की कोशिश करती है।
राजकुमारी इस नाटक के बारे में बताती हैं “नेताओं और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लम्बे वादों के बावजूद, स्कूल पूरी तरह से गायकों और नृत्य के माध्यम से अर्जित धन पर चल रहा था। निःशुल्क ट्यूशन, किताबें और भोजन (शनिवार को खिचड़ी) के साथ, स्कूल का बजट लगभग 46,000 रुपये का आता है, जो जीवनयापन के लिए बहुत ही कम था। शुरू में, नेताओं ने स्कूल के लिए सरकारी ज़मीन देने का वादा किया था, लेकिन समय के साथ, यह वादा भी उनके बाक़ी चुनावी वादों की तरह भुला दिया गया था।”
स्कूल के पुनर्निर्माण (लगभग चार साल बाद) के बाद भू-माफियाओं ने जवाबी कार्रवाई की और इस बार लल्लन को जान से मारने की धमकी दी गयी और अन्ततः बुलडोजर से स्कूल को तहस-नहस कर दिया जिसने लल्लन को मानसिक रूप से मार डाला। लेकिन उसने हार नहीं मानी, यह नाटक लल्लन की कभी न असफल होने वाली भावना को दर्शाता है जो हमें जीवन में चीज़ों को प्राप्त करने के लिए चुनौती देता है और प्रोत्साहित करता है।
निर्देशक रमा पाण्डेय नाटक पर अपना मत रखते हुए मानती हैं, “यह नाटक मेरे जीवन की सबसे कठिन चुनौती है, मैंने अपने जीवन के अनुभवों में लल्लन और अन्य हिजड़ों के जीवन को बुना है। मैंने एक दिलचस्प नाटक शैली में गम्भीर कहानी को चित्रित करने की चुनौती ली है, जिसके लिए मैं ‘भपंग’ एक पुराने लोक माध्यम का भी उपयोग कर रही हूँ। “
About Author
रमा पाण्डेय
शिक्षा : एम.ए. इतिहास, राजस्थान विश्वविद्यालय । फ़िल्म व टेलीविज़न डायरेक्शन-प्रोडक्शन में डिप्लोमा (अन्तरराष्ट्रीय स्कॉलरशिप पर) हॉलैंड से ।
राजस्थान की पहली महिला मीडियाकर्मी, मंच, फ़िल्म,
टेलीविज़न, दूरदर्शन और बी. बी. सी. लन्दन की एक जानी-मानी कलाकार, चर्चित फ़िल्म निर्देशिका और सशक्त लेखिका । 1978 में आपकी नियुक्ति दूरदर्शन के निर्माता पद पर हुई। 1982 में आपका चयन बी. बी. सी. लन्दन के लिए हुआ । सात साल तक अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में सफल कार्य करने के बाद रमा जी स्वदेश लौटीं और तब से आज तक फ़िल्म और टेलीविज़न के लिए प्रोडक्शन व निर्देशन का कार्य कर रही हैं। निर्देशन के लिए इनकी प्रोडक्शन कम्पनी ' मोन्टाज़ फ़िल्मस्’ को ‘राजा राममोहन राय' व 'कला श्री' अवार्ड मिल चुके हैं। काव्य-संग्रह सुनो कहानी बेहद लोकप्रिय । इसका अनुवाद जर्मन और रोमानियन भाषा में । नाटक - संग्रह फ़ैसले जो मुस्लिम समाज की जागरूक महिलाओं को समर्पित सीरियल का हिस्सा है और अभी अपने द्वितीय संस्करण में है । इसी क्रम में दूसरी पुस्तक हिन्दी और उर्दू भाषा में बेगम, बानो और ख़ातून के नाम से प्रकाशित। पाँचवीं अन्तरराष्ट्रीय पुस्तक फ्रांस काफ्का के उपन्यास द ट्रायल और उसके जीवन पर आधारित नाटक गिरफ़्तारी जिसके नाटकीय मंचनों ने धूम मचा दी । छठी पुस्तक लल्लन मिस और सातवीं अन्तरराष्ट्रीय पुस्तक है महानगर वियना जो पीटर रसोई के उपन्यास वियना मेट्रोपोलिस का भावानुवाद है । रमा पाण्डेय भारत की इकलौती ऐसी लेखिका, है निर्देशिका, प्रस्तुतकर्ता हैं जो रंगमंच, साहित्य और फ़िल्म जगत् में अपने द्वारा लिखी हुई रचनाओं का ही अद्भुत प्रयोग करती रही हैं । स्वनिर्मित सभी फ़िल्मों हेतु कहानी -पटकथा लेखन ।
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