Bhor Hone Se Pahale 446

Save: 25%

Back to products
Ahiran 221

Save: 25%

Kiraye Ka Makaan

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
भूमिका द्विवेदी
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
भूमिका द्विवेदी
Language:
Hindi
Format:
Hardback

244

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789387919297 Category
Category:
Page Extent:
110

किराये का मकान –

यह उपन्यास एक ऐसी महिला के संघर्ष का ब्योरा है जिसने अपने दो बच्चों को ‘सिंगल पेरेंट’ बनकर पाला-पोसा है, पढ़ाया है और अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया है। उपन्यास में प्रीत नाम की तरुणी का जीवन चरित, माँ-बाप के अलगाव के बाद भी बच्चों के मज़बूत, सुन्दर और प्रेरणादायी मिसाल देने वाली एक कहानी की शक्ल में सामने आता है। समाज में मौजूद ‘वाइट हाउज़’ के पीछे घटते ‘काले कारनामों’ का बारीक़ चित्रण भी कहानी में गम्भीरता से किया गया है, जहाँ प्रभावकारी ‘मीटू कैम्पेन’ की झलक को पाठक देख सकेंगे।

मूल रूप से एक अकेली महिला का एक छोटे शहर में जटिल जीवन, सामाजिक उतार-चढ़ाव, पारिवारिक दुश्वारियाँ, बच्चों के नादान सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद और युवा होती बेटी की तमाम समस्याओं से साक्षात्कार का शानदार प्रस्तुतीकरण इस उपन्यास के माध्यम से होता है। इन सबके साथ दो बेरोज़गारों की प्रेम कथा और मकान मालिकों के अत्याचार सहित किरायेदारों की बदतर स्थितियों से भी हम किराये का मकान के माध्यम से रूबरू होते हैं।

भारतीय ज्ञानपीठ से नवलेखन अनुशंसा पुरस्कार 2017 प्राप्त उपन्यासकार भूमिका का ‘आसमानी चादर’ के बाद दूसरा उपन्यास है। भूमिका द्विवेदी साहित्य जगत में मील का पत्थर उपेन्द्रनाथ अश्क की पुत्रवधू और बहुप्रतिभाशाली नीलाभ जी की पत्नी भी हैं, जो कि दिल्ली में रहकर अश्क जी की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ा रही हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kiraye Ka Makaan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

किराये का मकान –

यह उपन्यास एक ऐसी महिला के संघर्ष का ब्योरा है जिसने अपने दो बच्चों को ‘सिंगल पेरेंट’ बनकर पाला-पोसा है, पढ़ाया है और अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया है। उपन्यास में प्रीत नाम की तरुणी का जीवन चरित, माँ-बाप के अलगाव के बाद भी बच्चों के मज़बूत, सुन्दर और प्रेरणादायी मिसाल देने वाली एक कहानी की शक्ल में सामने आता है। समाज में मौजूद ‘वाइट हाउज़’ के पीछे घटते ‘काले कारनामों’ का बारीक़ चित्रण भी कहानी में गम्भीरता से किया गया है, जहाँ प्रभावकारी ‘मीटू कैम्पेन’ की झलक को पाठक देख सकेंगे।

मूल रूप से एक अकेली महिला का एक छोटे शहर में जटिल जीवन, सामाजिक उतार-चढ़ाव, पारिवारिक दुश्वारियाँ, बच्चों के नादान सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद और युवा होती बेटी की तमाम समस्याओं से साक्षात्कार का शानदार प्रस्तुतीकरण इस उपन्यास के माध्यम से होता है। इन सबके साथ दो बेरोज़गारों की प्रेम कथा और मकान मालिकों के अत्याचार सहित किरायेदारों की बदतर स्थितियों से भी हम किराये का मकान के माध्यम से रूबरू होते हैं।

भारतीय ज्ञानपीठ से नवलेखन अनुशंसा पुरस्कार 2017 प्राप्त उपन्यासकार भूमिका का ‘आसमानी चादर’ के बाद दूसरा उपन्यास है। भूमिका द्विवेदी साहित्य जगत में मील का पत्थर उपेन्द्रनाथ अश्क की पुत्रवधू और बहुप्रतिभाशाली नीलाभ जी की पत्नी भी हैं, जो कि दिल्ली में रहकर अश्क जी की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ा रही हैं।

About Author

भूमिका द्विवेदी अश्क - जन्मतिथि : 23 दिसम्बर, इलाहाबाद, उ.प्र. । शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.फिल. । हिन्दी भाषा साहित्य की सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लगातार कहानियाँ एवं अन्य रचनाएँ प्रकाशित। उत्तर प्रदेश सरकार से मेधावी छात्र सम्मान प्राप्त। शतरंज, चित्रकला और दौड़ में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व । भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित बोहनी कहानी-संग्रह को नवलेखन अनुशंसा पुरस्कार 2017 प्रदान किया जा चुका है। मीरा स्मृति पुरस्कार प्राप्त आसमानी चादर के बाद ये दूसरा उपन्यास है। सम्पादन और अनुवाद कार्यानुभव। इलाहाबाद एवं लखनऊ दूरदर्शन केन्द्र में क़रीब पाँच वर्षों तथा ऑल इंडिया रेडियो में सात वर्षों तक जुड़ाव । सम्प्रति : स्वतन्त्र लेखन । सम्पर्क : 9999740265, 9910172903 ई-मेल : bhumika.jnu@gmail.com

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Kiraye Ka Makaan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED