SaleSold outHardback
Manas Ka Hans
₹545 ₹436
Save: 20%
Sampoorna Panchatantra (सम्पूर्ण पंचतंत्र) - HC
₹495 ₹371
Save: 25%
Khanjan Nayan
Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Amritlal Nagar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Amritlal Nagar
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹425 ₹361
Save: 15%
Out of stock
Receive in-stock notifications for this.
Ships within:
1-4 Days
Out of stock
ISBN:
Category: Hindi
Page Extent:
248
Be the first to review “Khanjan Nayan” Cancel reply
About Author
अमृतलाल नागर
नागर जी का जन्म 17 अगस्त, 1916 को आगरा में हुआ। लखनऊ में शिक्षा प्राप्त की और फिर वहीं बस गए। तस्लीम लखनवी, मेघराज, इन्द्र आदि उपनामों से भी लेखन किया है। बांग्ला, तमिल, गुजराती और मराठी भाषाओं के ज्ञाता। उनकी रचनाओं में ‘वाटिका’, ‘अवशेष’, ‘नवाबी मसनद’, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘एटम बम’, ‘एक दिल हजार दास्ताँ’, ‘पीपल की परी’, नामक कहानी-संग्रह; ‘महाकाल’, ‘सेठ बाँकेमल’, ‘बूँद और समुद्र’, ‘शतरंज के मोहरे’, ‘अमृत और विष’ आदि उपन्यास; ‘गदर के फूल’, ‘ये कोठेवालियाँ’ आदि शोध-कृतियाँ तथा बाल-साहित्य की ‘नटखट चाची’, ‘निंदिया आजा’ आदि उल्लेखनीय हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियों में तुलसी के जीवन पर आधारित महाकाव्यात्मक उपन्यास ‘मानस का हंस’; हास्य-व्यंग्य-संग्रह ‘कृपया दाएँ चलिए’, ‘भरत पुत्र नौरंगीलाल’ तथा संस्मरण-संग्रह ‘जिनके साथ जिया’ प्रमुख हैं।
नागर जी साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हुए और उनकी अनेक कृतियाँ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी पुरस्कृत हुई हैं।
निधन : 23 फरवरी, 1990
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Khanjan Nayan” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Reviews
There are no reviews yet.