Kavitayen Bachachan Ki : Chayan Amitabh Bachchan Ka

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
हरिवंशराय बच्चन
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Jnanpith Vani Prakashan LLP
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हरिवंशराय बच्चन
Language:
Hindi
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कविताएँ बच्चन की चयन अमिताभ बच्चन का –
हिन्दी के कालजयी रचनाकार हरिवंश राय बच्चन की अधिकांश रचनाएँ सहृदय पाठकों और सुधी समीक्षकों के बीच ‘क्लासिक’ का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं। हरिवंश राय बच्चन के काव्य-साहित्य से एक नवीन काव्यधारा का प्रादुर्भाव हुआ था। इस काव्यधारा ने देश-देशान्तर के पाठकों को प्रभावित प्रेरित रसाप्लावित किया है। ‘कविताएँ बच्चन की—चयन अमिताभ बच्चन का’ संग्रह में सुयोग्य पिता के विलक्षण कलाकार पुत्र ने कुछ ऐसी विशिष्ट रचनाओं का चयन किया है जो उनकी हार्दिकता के अत्यन्त निकट हैं। अमिताभ द्वारा अपने पिता का संस्मरणात्मक मूल्यांकन इस संग्रह को नयी अर्थवत्ता प्रदान करता है। संग्रह का सम्पादन बच्चन परिवार के अत्यन्त निकट रहीं पुष्पा भारती ने किया है।
‘भूमिका’ में अमिताभ बच्चन लिखते हैं, ‘…मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे उनकी सभी कविताएँ पूरी तरह समझ में आ जाती हैं पर यह ज़रूर है कि उस वातावरण में रहते-रहते, उनकी कविताएँ बार-बार सुनते-सुनते उनकी जो धुनें हैं, उनके जो बोल हैं, वह अब जब पढ़ता हूँ तो बिना कष्ट के ऐसा लगता है कि यह मैं सदियों से सुनता आ रहा हूँ…और मुझे उस कविता की धुन गाने या बोलने में कोई तक़लीफ़ नहीं होती।… अब जब इस पुस्तक के लिए अपनी पसन्दीदा कविताओं को चुनने बैठा, तो बाबूजी के शब्दों में कहता हूँ कि क्या चुनूँ और क्या छोड़ूँ। फिर भी कोशिश की है कि अपनी सर्वाधिक प्रिय कविताएँ आप तक पहुँचा दूँ।’
कभी हरिवंश राय बच्चन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि अमिताभ बच्चन उनकी सर्वोत्तम रचना हैं। कहा जा सकता है कि इस चयन में अमिताभ बच्चन ने सर्वोत्तम को एक नया सन्दर्भ प्रदान किया है। पढ़ने और सँजोने योग्य कलाकार पुत्र के दृष्टिकोण से अपने यशस्वी पिता की कविताओं का एक आत्मीय संचयन।

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Description

कविताएँ बच्चन की चयन अमिताभ बच्चन का –
हिन्दी के कालजयी रचनाकार हरिवंश राय बच्चन की अधिकांश रचनाएँ सहृदय पाठकों और सुधी समीक्षकों के बीच ‘क्लासिक’ का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं। हरिवंश राय बच्चन के काव्य-साहित्य से एक नवीन काव्यधारा का प्रादुर्भाव हुआ था। इस काव्यधारा ने देश-देशान्तर के पाठकों को प्रभावित प्रेरित रसाप्लावित किया है। ‘कविताएँ बच्चन की—चयन अमिताभ बच्चन का’ संग्रह में सुयोग्य पिता के विलक्षण कलाकार पुत्र ने कुछ ऐसी विशिष्ट रचनाओं का चयन किया है जो उनकी हार्दिकता के अत्यन्त निकट हैं। अमिताभ द्वारा अपने पिता का संस्मरणात्मक मूल्यांकन इस संग्रह को नयी अर्थवत्ता प्रदान करता है। संग्रह का सम्पादन बच्चन परिवार के अत्यन्त निकट रहीं पुष्पा भारती ने किया है।
‘भूमिका’ में अमिताभ बच्चन लिखते हैं, ‘…मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे उनकी सभी कविताएँ पूरी तरह समझ में आ जाती हैं पर यह ज़रूर है कि उस वातावरण में रहते-रहते, उनकी कविताएँ बार-बार सुनते-सुनते उनकी जो धुनें हैं, उनके जो बोल हैं, वह अब जब पढ़ता हूँ तो बिना कष्ट के ऐसा लगता है कि यह मैं सदियों से सुनता आ रहा हूँ…और मुझे उस कविता की धुन गाने या बोलने में कोई तक़लीफ़ नहीं होती।… अब जब इस पुस्तक के लिए अपनी पसन्दीदा कविताओं को चुनने बैठा, तो बाबूजी के शब्दों में कहता हूँ कि क्या चुनूँ और क्या छोड़ूँ। फिर भी कोशिश की है कि अपनी सर्वाधिक प्रिय कविताएँ आप तक पहुँचा दूँ।’
कभी हरिवंश राय बच्चन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि अमिताभ बच्चन उनकी सर्वोत्तम रचना हैं। कहा जा सकता है कि इस चयन में अमिताभ बच्चन ने सर्वोत्तम को एक नया सन्दर्भ प्रदान किया है। पढ़ने और सँजोने योग्य कलाकार पुत्र के दृष्टिकोण से अपने यशस्वी पिता की कविताओं का एक आत्मीय संचयन।

About Author

हरिवंश राय बच्चन - (27 नवम्बर, 1907- 18 जनवरी, 2003)। प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू में, तदुपरान्त प्रयाग विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए. और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएच.डी. । इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन। बाद में भारत सरकार के विदेश मन्त्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ। अनन्तर राज्यसभा के मनोनीत सदस्य (1966)। प्रकाशन : 24 कविता संग्रह, जिनमें प्रमुख हैं—'मधुशाला', 'निशा निमन्त्रण', 'प्रणय पत्रिका', 'मधुकलश', 'एकान्त संगीत', 'सतरंगिनी', 'मिलन यामिनी', 'बुद्ध और नाचघर', 'त्रिभंगिमा', 'आरती और अंगारे', 'जाल समेटा', 'आकुल अन्तर' तथा 'सूत की माला'; साथ ही विविध लेखन (विस्तृत 4 रचना-सूची परिशिष्ट पृष्ठ पर)। पुरस्कार/सम्मान : 'दो चट्टानें' (कविता-संग्रह) के लिए 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार'; 'सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार'; एफ़्रो एशियाई सम्मेलन का 'कमल पुरस्कार'; 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' (आत्मकथा) के लिए बिड़ला फ़ाउंडेशन का 'सरस्वती सम्मान'; उ.प्र. सरकार द्वारा 'यश भारती सम्मान' (1994)। भारत सरकार द्वारा 'पद्मभूषण सम्मान' (1976)।

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