Kavitayen Bachachan Ki : Chayan Amitabh Bachchan Ka
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कविताएँ बच्चन की चयन अमिताभ बच्चन का –
हिन्दी के कालजयी रचनाकार हरिवंश राय बच्चन की अधिकांश रचनाएँ सहृदय पाठकों और सुधी समीक्षकों के बीच ‘क्लासिक’ का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं। हरिवंश राय बच्चन के काव्य-साहित्य से एक नवीन काव्यधारा का प्रादुर्भाव हुआ था। इस काव्यधारा ने देश-देशान्तर के पाठकों को प्रभावित प्रेरित रसाप्लावित किया है। ‘कविताएँ बच्चन की—चयन अमिताभ बच्चन का’ संग्रह में सुयोग्य पिता के विलक्षण कलाकार पुत्र ने कुछ ऐसी विशिष्ट रचनाओं का चयन किया है जो उनकी हार्दिकता के अत्यन्त निकट हैं। अमिताभ द्वारा अपने पिता का संस्मरणात्मक मूल्यांकन इस संग्रह को नयी अर्थवत्ता प्रदान करता है। संग्रह का सम्पादन बच्चन परिवार के अत्यन्त निकट रहीं पुष्पा भारती ने किया है।
‘भूमिका’ में अमिताभ बच्चन लिखते हैं, ‘…मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे उनकी सभी कविताएँ पूरी तरह समझ में आ जाती हैं पर यह ज़रूर है कि उस वातावरण में रहते-रहते, उनकी कविताएँ बार-बार सुनते-सुनते उनकी जो धुनें हैं, उनके जो बोल हैं, वह अब जब पढ़ता हूँ तो बिना कष्ट के ऐसा लगता है कि यह मैं सदियों से सुनता आ रहा हूँ…और मुझे उस कविता की धुन गाने या बोलने में कोई तक़लीफ़ नहीं होती।… अब जब इस पुस्तक के लिए अपनी पसन्दीदा कविताओं को चुनने बैठा, तो बाबूजी के शब्दों में कहता हूँ कि क्या चुनूँ और क्या छोड़ूँ। फिर भी कोशिश की है कि अपनी सर्वाधिक प्रिय कविताएँ आप तक पहुँचा दूँ।’
कभी हरिवंश राय बच्चन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि अमिताभ बच्चन उनकी सर्वोत्तम रचना हैं। कहा जा सकता है कि इस चयन में अमिताभ बच्चन ने सर्वोत्तम को एक नया सन्दर्भ प्रदान किया है। पढ़ने और सँजोने योग्य कलाकार पुत्र के दृष्टिकोण से अपने यशस्वी पिता की कविताओं का एक आत्मीय संचयन।
कविताएँ बच्चन की चयन अमिताभ बच्चन का –
हिन्दी के कालजयी रचनाकार हरिवंश राय बच्चन की अधिकांश रचनाएँ सहृदय पाठकों और सुधी समीक्षकों के बीच ‘क्लासिक’ का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं। हरिवंश राय बच्चन के काव्य-साहित्य से एक नवीन काव्यधारा का प्रादुर्भाव हुआ था। इस काव्यधारा ने देश-देशान्तर के पाठकों को प्रभावित प्रेरित रसाप्लावित किया है। ‘कविताएँ बच्चन की—चयन अमिताभ बच्चन का’ संग्रह में सुयोग्य पिता के विलक्षण कलाकार पुत्र ने कुछ ऐसी विशिष्ट रचनाओं का चयन किया है जो उनकी हार्दिकता के अत्यन्त निकट हैं। अमिताभ द्वारा अपने पिता का संस्मरणात्मक मूल्यांकन इस संग्रह को नयी अर्थवत्ता प्रदान करता है। संग्रह का सम्पादन बच्चन परिवार के अत्यन्त निकट रहीं पुष्पा भारती ने किया है।
‘भूमिका’ में अमिताभ बच्चन लिखते हैं, ‘…मैं यह नहीं कह सकता कि मुझे उनकी सभी कविताएँ पूरी तरह समझ में आ जाती हैं पर यह ज़रूर है कि उस वातावरण में रहते-रहते, उनकी कविताएँ बार-बार सुनते-सुनते उनकी जो धुनें हैं, उनके जो बोल हैं, वह अब जब पढ़ता हूँ तो बिना कष्ट के ऐसा लगता है कि यह मैं सदियों से सुनता आ रहा हूँ…और मुझे उस कविता की धुन गाने या बोलने में कोई तक़लीफ़ नहीं होती।… अब जब इस पुस्तक के लिए अपनी पसन्दीदा कविताओं को चुनने बैठा, तो बाबूजी के शब्दों में कहता हूँ कि क्या चुनूँ और क्या छोड़ूँ। फिर भी कोशिश की है कि अपनी सर्वाधिक प्रिय कविताएँ आप तक पहुँचा दूँ।’
कभी हरिवंश राय बच्चन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि अमिताभ बच्चन उनकी सर्वोत्तम रचना हैं। कहा जा सकता है कि इस चयन में अमिताभ बच्चन ने सर्वोत्तम को एक नया सन्दर्भ प्रदान किया है। पढ़ने और सँजोने योग्य कलाकार पुत्र के दृष्टिकोण से अपने यशस्वी पिता की कविताओं का एक आत्मीय संचयन।
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