Kautilya Arthasatra
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹550 ₹440
Save: 20%
In stock
Ships within:
In stock
Book Type |
---|
ISBN:
Page Extent:
प्रस्तुत पुस्तक संस्कृत के प्रकांड पंडित श्री वाचस्पति गैरोला जी द्वारा व्याख्या की गई है । साथ ही साथ इसमे मूल संस्कृत के साथ ही साथ हिन्दी में सहज अनुवाद भी दिया गया है ।
आचार्य चाणक्य के श्रेष्ठ ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ का सही से अध्ययन करने के लिए पुस्तक अपने आप में कालजयी है । इसका अध्ययन न सिर्फ हमें अपने देश के पुरातन इतिहास, धर्म-संस्कृति बल्कि राजतन्त्र के गूढ रहस्यों से भी अवगत कराती है ।
प्रस्तुत पुस्तक संस्कृत के प्रकांड पंडित श्री वाचस्पति गैरोला जी द्वारा व्याख्या की गई है । साथ ही साथ इसमे मूल संस्कृत के साथ ही साथ हिन्दी में सहज अनुवाद भी दिया गया है ।
आचार्य चाणक्य के श्रेष्ठ ग्रंथ ‘अर्थशास्त्र’ का सही से अध्ययन करने के लिए पुस्तक अपने आप में कालजयी है । इसका अध्ययन न सिर्फ हमें अपने देश के पुरातन इतिहास, धर्म-संस्कृति बल्कि राजतन्त्र के गूढ रहस्यों से भी अवगत कराती है ।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.