Kanoon Ka Adhikar

Publisher:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
| Author:
Dr. Bizay Sonkar Shastri
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author:
Dr. Bizay Sonkar Shastri
Language:
Hindi
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Hardback

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SKU 9789351866176 Category
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96

किसी भी देश की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार आदर्श नागरिकता एवं उन्हीं नागरिकों द्वारा चुनी हुई सरकार के सुशासन तथा राष्ट्र हितार्थ में उठे कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में देने का प्रयास है, उदाहरणार्थ— 1. संविधान एवं कानून से अनभिज्ञ देश के 99 प्रतिशत नागरिकों को कानून का ज्ञान कैसे हो? 2. अधिकार प्राप्ति की दिशा में चल रहे टुकड़ों-टुकड़ों में संघर्ष का स्थायी समाधान क्या हो? 3. जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों के कामकाज में देश के सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कैसे हो? उपर्युक्त प्रश्नों इत्यादि के समाधान हेतु ‘कानून का अधिकार’ नामक देश स्तर पर चलाए जा रहे ऐसे अभियान की रूपरेखा को समझने की आवश्यकता है। जनता द्वारा जनता के लिए एक जन अभियान को यहाँ साहित्य के रूप में विस्तृत विवरण के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पुस्तक के तीन भाग हैं—प्रथम भाग में जन-अभियान का अर्थ, भावार्थ एवं क्रियात्मक योजनाओं का उल्लेख है। दूसरे और तीसरे भाग में क्रमशः भारत का संविधान एवं भारतीय दंड संहिता का संक्षिप्त स्वरूप है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से भारत के पूरे संविधान को आधा घंटा एवं पूरी भारतीय दंड संहिता को पंद्रह मिनट में पढ़ा जा सकता है।

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किसी भी देश की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार आदर्श नागरिकता एवं उन्हीं नागरिकों द्वारा चुनी हुई सरकार के सुशासन तथा राष्ट्र हितार्थ में उठे कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में देने का प्रयास है, उदाहरणार्थ— 1. संविधान एवं कानून से अनभिज्ञ देश के 99 प्रतिशत नागरिकों को कानून का ज्ञान कैसे हो? 2. अधिकार प्राप्ति की दिशा में चल रहे टुकड़ों-टुकड़ों में संघर्ष का स्थायी समाधान क्या हो? 3. जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों के कामकाज में देश के सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कैसे हो? उपर्युक्त प्रश्नों इत्यादि के समाधान हेतु ‘कानून का अधिकार’ नामक देश स्तर पर चलाए जा रहे ऐसे अभियान की रूपरेखा को समझने की आवश्यकता है। जनता द्वारा जनता के लिए एक जन अभियान को यहाँ साहित्य के रूप में विस्तृत विवरण के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पुस्तक के तीन भाग हैं—प्रथम भाग में जन-अभियान का अर्थ, भावार्थ एवं क्रियात्मक योजनाओं का उल्लेख है। दूसरे और तीसरे भाग में क्रमशः भारत का संविधान एवं भारतीय दंड संहिता का संक्षिप्त स्वरूप है। प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से भारत के पूरे संविधान को आधा घंटा एवं पूरी भारतीय दंड संहिता को पंद्रह मिनट में पढ़ा जा सकता है।

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