Gulara Begum (HB) 556

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Gulara Begum (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Sharad Pagare
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Rajkamal
Author:
Sharad Pagare
Language:
Hindi
Format:
Paperback

239

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SKU 9788193969281 Category
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‘‘रुचि बराबर क़ायम रहती है, जो सफलता का बड़ा प्रमाण है। ऐतिहासिक विषय के साथ न्याय किया गया है, उपन्यास की माँग को निबाहते हुए भी। यह क्षमता रचना से सिद्ध होती है।’’    
—जैनेन्द्र कुमार
 
‘‘किसी अच्छी रचना का पहला गुण सम्प्रेषणीयता होती है, वह इसमें है। निरन्तर आगे पढ़ते रहने की उत्सुकता बनी रहती है। उस युग का वातावरण प्रामाणिक लगता है। कहानी का ढंग आकर्षक है। जो चरित्र निर्मित हुए हैं, वे भी विश्वसनीय लगते हैं। अबू-छंगी, इनू-सलमा की कहानियाँ अधिक प्रामाणिक बन गई हैं। चरित्र की दृष्टि से सलमा सर्वोत्तम है। पढ़ने में मन रमता है। कहानी कहने के ढंग से रोचकता बढ़ गई है।’’    
—विष्णु प्रभाकर
 
‘‘उपन्यास के बुनने में बड़ा परिश्रम किया है। और इसकी अन्तर-कथाओं के ताने-बाने बड़े कौशल से तैयार किए गए हैं। भाषा को भी सँवारा है।’’    
—शिवमंगलसिंह ‘सुमन’

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Description

‘‘रुचि बराबर क़ायम रहती है, जो सफलता का बड़ा प्रमाण है। ऐतिहासिक विषय के साथ न्याय किया गया है, उपन्यास की माँग को निबाहते हुए भी। यह क्षमता रचना से सिद्ध होती है।’’    
—जैनेन्द्र कुमार
 
‘‘किसी अच्छी रचना का पहला गुण सम्प्रेषणीयता होती है, वह इसमें है। निरन्तर आगे पढ़ते रहने की उत्सुकता बनी रहती है। उस युग का वातावरण प्रामाणिक लगता है। कहानी का ढंग आकर्षक है। जो चरित्र निर्मित हुए हैं, वे भी विश्वसनीय लगते हैं। अबू-छंगी, इनू-सलमा की कहानियाँ अधिक प्रामाणिक बन गई हैं। चरित्र की दृष्टि से सलमा सर्वोत्तम है। पढ़ने में मन रमता है। कहानी कहने के ढंग से रोचकता बढ़ गई है।’’    
—विष्णु प्रभाकर
 
‘‘उपन्यास के बुनने में बड़ा परिश्रम किया है। और इसकी अन्तर-कथाओं के ताने-बाने बड़े कौशल से तैयार किए गए हैं। भाषा को भी सँवारा है।’’    
—शिवमंगलसिंह ‘सुमन’

About Author

शरद पगारे

आपका जन्म खंडवा, मध्य प्रदेश में हुआ। आपने इतिहास में एम.ए., पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल में इतिहास के प्रोफ़ेसर रहे, वहीं से सेवानिवृत। सन् 1987-88 में शिल्पकर्ण विश्वविद्यालय, बैंकाक, थाईलैंड में विजिटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में अध्यापन।

आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘गुलारा बेगम’, ‘बेगम जैनाबादी’, ‘गन्धर्वसेन’, ‘पाटलीपुत्र की सम्राज्ञी’, ‘उजाले की तलाश’, ‘वैशाली की जनपद कल्याणी आम्रपाली’, ‘When faith turned red’ (उपन्यास); ‘ज़िन्दगी एक सलीब-सी’, ‘नारी के रूप’, ‘दूसरा देवदास’, ‘चन्‍द्रमुखी का देवदास’, ‘सांध्य तारा’, ‘भारत की श्रेष्ठ ऐतिहासिक प्रेमकथाएँ’, ‘श्रेष्ठ कहानियाँ’ आदि (कहानी)।

मराठी, गुजरती, उर्दू, मलयालम आदि भाषाओँ में आपकी कई कृतियों का अनुवाद हो चुका है। आपके उपन्यास 'बेगम जैनाबादी' का क्षितिज थियेटर ग्रुप, नई दिल्ली द्वारा नाट्य-रूपान्‍तर एवं मंचन। आप 'बालकृष्ण शर्मा नवीन सम्मान', 'विश्वनाथ सिंह सम्मान', 'वागीश्वरी पुरस्कार', 'साहित्य वाचस्पति सम्मान', 'साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान' आदि से सम्मानित किए जा चुके हैं।

सम्पर्क : सुमन कुञ्ज, स्नेह नगर, सपना संगीता रोड, नवलखा, इन्‍दौर।

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