Ghaharaati Ghatayen (PB)

Publisher:
RADHA
| Author:
Mahashweta Devi, Tr. Jagat Shankhdhar
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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RADHA
Author:
Mahashweta Devi, Tr. Jagat Shankhdhar
Language:
Hindi
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विख्यात बांग्ला कथाकार महाश्वेता देवी की आठ लम्बी कहानियाँ अथवा उपन्यासिकाएँ इस पुस्तक में संकलित हैं। उनकी श्रेष्ठतम रचनाओं में इनकी गणना की जा सकती है। इनमें ‘रुदाली’ नामक उपन्यासिका भी शामिल है जिस पर इसी नाम से एक बेहद सार्थक फ़िल्म बनाई जा चुकी है।
इन उपन्यासिकाओं में बिहार के आदिवासी इलाक़ों के जीवन का रोमांचक वर्णन है और आदिवासियों के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक जीवन के खरे चित्र बेलौस भाषा में दिखाए गए हैं। उनके शोषण-उत्पीड़न, उनकी आशा-आकांक्षा, उनका भोलापन और उनकी जिजीविषा को भीतर तक देखा-दिखाया गया है। मानव-जीवन के इस सबसे प्रताड़ित, पिछड़े और दयनीय, फिर भी स्वाभिमानी और तेजस्वी पक्ष को प्रस्तुत करने में महाश्वेता देवी की लेखनी का कमाल इन रचनाओं को अभूतपूर्व ताज़गी और कचोट से भर देता है।

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Description

विख्यात बांग्ला कथाकार महाश्वेता देवी की आठ लम्बी कहानियाँ अथवा उपन्यासिकाएँ इस पुस्तक में संकलित हैं। उनकी श्रेष्ठतम रचनाओं में इनकी गणना की जा सकती है। इनमें ‘रुदाली’ नामक उपन्यासिका भी शामिल है जिस पर इसी नाम से एक बेहद सार्थक फ़िल्म बनाई जा चुकी है।
इन उपन्यासिकाओं में बिहार के आदिवासी इलाक़ों के जीवन का रोमांचक वर्णन है और आदिवासियों के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक जीवन के खरे चित्र बेलौस भाषा में दिखाए गए हैं। उनके शोषण-उत्पीड़न, उनकी आशा-आकांक्षा, उनका भोलापन और उनकी जिजीविषा को भीतर तक देखा-दिखाया गया है। मानव-जीवन के इस सबसे प्रताड़ित, पिछड़े और दयनीय, फिर भी स्वाभिमानी और तेजस्वी पक्ष को प्रस्तुत करने में महाश्वेता देवी की लेखनी का कमाल इन रचनाओं को अभूतपूर्व ताज़गी और कचोट से भर देता है।

About Author

महाश्वेता देवी

जन्म : 1926; ढाका।

पिता श्री मनीष घटक सुप्रसिद्ध लेखक थे।

शिक्षा : प्रारम्भिक पढ़ाई शान्तिनिकेतन में, फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.।

अर्से तक अंग्रेज़ी का अध्यापन।

कृतियाँ अनेक भाषाओं में अनूदित।

हिन्दी में अनूदित कृतियाँ : ‘चोट्टि मुण्डा और उसका तीर’, ‘जंगल के दावेदार’, ‘अग्निगर्भ’, ‘अक्लांत कौरव’, ‘1084वें की माँ’, ‘श्री श्रीगणेश महिमा’, ‘टेरोडैक्टिल’, ‘दौलति’, ‘ग्राम बांग्ला’, ‘शाल-गिरह की पुकार पर’, ‘भूख’, ‘झाँसी की रानी’, ‘आंधारमानिक’, ‘उन्तीसवीं धारा का आरोपी’, ‘मातृछवि’, ‘सच-झूठ’, ‘अमृत संचय’, ‘जली थी अग्निशिखा’, ‘भटकाव’, ‘नीलछवि’, ‘कवि वन्द्यघटी गाईं का जीवन और मृत्यु’, ‘बनिया-बहू’, ‘नटी’ (उपन्यास); ‘पचास कहानियाँ’, ‘कृष्ण द्वादशी’, ‘घहराती घटाएँ’, ‘ईंट के ऊपर ईंट’, ‘मूर्ति’ (कहानी-संग्रह); ‘भारत में बँधुआ मज़दूर’ (विमर्श)।

सम्मान : ‘जंगल के दावेदार’ पुस्तक पर ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’। ‘मैगसेसे अवार्ड’ तथा ‘ज्ञानपीठ  पुरस्कार’ से सम्मानित।

निधन : 28 जुलाई, 2016 (कोलकाता)।

 

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