Footpath Par Kamsutra (CSDS)

Publisher:
Vani prakashan
| Author:
Abhay Kumar Dubey
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Vani prakashan
Author:
Abhay Kumar Dubey
Language:
Hindi
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Hardback

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325

फुटपाथ पर कामसूत्र’ में कुछ एथोग्रफिक नोट्स, कुछ विश्लेषण और कुछ विवरण सम्मिलित हैं जिनके ज़रिये भारतीय समाज में निजी और अन्तरंग धरातल पर बनने वाले मानवीय रिश्तों की आधुनिक गतिशीलता रेखांकित करने का प्रयास किया गया है| पिछले पच्चीस वर्षों के दौरान हिन्दी में लिखे गए उपन्यासों और आत्मकथाओं में ऐसी कई कृतियाँ शामिल हैं जो नारीवाद और सेक्शुअलिटी के परिष्कृत निरूपण के लिहाज़ से अनूठी हैं| यह सामग्री किसी नए सिद्धांत की तरफ ले जाने का दावा तो नहीं करती, लेकिन शायद पाठकों को इसके भीतर एक नयी दृष्टि की सम्भावना ज़रूर दिख सकती है|

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फुटपाथ पर कामसूत्र’ में कुछ एथोग्रफिक नोट्स, कुछ विश्लेषण और कुछ विवरण सम्मिलित हैं जिनके ज़रिये भारतीय समाज में निजी और अन्तरंग धरातल पर बनने वाले मानवीय रिश्तों की आधुनिक गतिशीलता रेखांकित करने का प्रयास किया गया है| पिछले पच्चीस वर्षों के दौरान हिन्दी में लिखे गए उपन्यासों और आत्मकथाओं में ऐसी कई कृतियाँ शामिल हैं जो नारीवाद और सेक्शुअलिटी के परिष्कृत निरूपण के लिहाज़ से अनूठी हैं| यह सामग्री किसी नए सिद्धांत की तरफ ले जाने का दावा तो नहीं करती, लेकिन शायद पाठकों को इसके भीतर एक नयी दृष्टि की सम्भावना ज़रूर दिख सकती है|

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