Ek Sahityik Ki Diary

Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
| Author:
गजानन माधव मुक्तिबोध
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Jnanpith Vani Prakashan LLP
Author:
गजानन माधव मुक्तिबोध
Language:
Hindi
Format:
Paperback

134

Save: 1%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789357759090 Category
Category:
Page Extent:
120

एक साहित्यिक की डायरी –
ऐसी कृतियाँ बहुत नहीं होतीं जो अपने समकालीन साहित्य का श्रीवर्धन कर सकें। ‘एक साहित्यिक की डायरी’ एक ऐसी कृति है, जिसने अपने शिल्प और विचारतत्त्व दोनों की विशेषता के कारण पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है और आदर-मान पाया है।
डायरी विधा का यह रूप तो इसी में देखने को मिलेगा। जैसे निबन्धात्मक कहानी वैसे यह निबन्धात्मक डायरी। निबन्ध—सीधा-सादा प्रारम्भ, फिर कहीं एकालाप, कहीं एक काल्पनिक पात्र से वार्तालाप, पर आदि से अन्त तक भाव और स्वर डायरी का। और प्रत्येक प्रकरण का प्रत्येक क्षण और प्रत्येक चरण इस प्रयोजन की पूर्ति के लिए कि विषय की परतें हल्के-हल्के खुलती हुई प्रश्नों और प्रश्नों के भीतर के प्रश्नों से साक्षात्कार करा दें और फिर हम भी सोचें और समाधान के अन्वेषी हों।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ek Sahityik Ki Diary”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

एक साहित्यिक की डायरी –
ऐसी कृतियाँ बहुत नहीं होतीं जो अपने समकालीन साहित्य का श्रीवर्धन कर सकें। ‘एक साहित्यिक की डायरी’ एक ऐसी कृति है, जिसने अपने शिल्प और विचारतत्त्व दोनों की विशेषता के कारण पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है और आदर-मान पाया है।
डायरी विधा का यह रूप तो इसी में देखने को मिलेगा। जैसे निबन्धात्मक कहानी वैसे यह निबन्धात्मक डायरी। निबन्ध—सीधा-सादा प्रारम्भ, फिर कहीं एकालाप, कहीं एक काल्पनिक पात्र से वार्तालाप, पर आदि से अन्त तक भाव और स्वर डायरी का। और प्रत्येक प्रकरण का प्रत्येक क्षण और प्रत्येक चरण इस प्रयोजन की पूर्ति के लिए कि विषय की परतें हल्के-हल्के खुलती हुई प्रश्नों और प्रश्नों के भीतर के प्रश्नों से साक्षात्कार करा दें और फिर हम भी सोचें और समाधान के अन्वेषी हों।

About Author

गजानन माधव मुक्तिबोध - जन्म: 13 नवम्बर, 1917, श्योपुर (ग्वालियर)। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), नागपुर विश्वविद्यालय। प्रकाशित साहित्य: 'कामायनी : एक पुनर्विचार', 'भारतीय इतिहास और संस्कृति', 'नयी कविता का आत्म-संघर्ष तथा अन्य निबन्ध', 'नये साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र'। भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित: 'चाँद का मुँह टेढ़ा है', 'एक साहित्यिक की डायरी', 'काठ का सपना', 'विपात्र' और 'सतह से उठता आदमी'। निधन: 11 सितम्बर 1964, नयी दिल्ली।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ek Sahityik Ki Diary”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED