Diabetes Ke Saath Jeene Ki Raah (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Dr. Yatish Agarwal
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Rajkamal
Author:
Dr. Yatish Agarwal
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Hindi
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डायबिटीज क्यों होती है? डायबिटीज की पहचान क्या है? डायबिटीज से कैसे बचें? मेथी शुगर को कैसे कम करती है? खाने-पीने में क्या-क्या एहतियात बरतें? कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं? व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें? इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है? इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें? कब कौन-सा टेस्ट कराएँ? घर पर ब्लड शुगर की कैसे जाँच करें? यौन क्षमता कैसे दुरुस्त रखें? डायबिटीज के बुरे असर से शरीर को कैसे बचाएँ? डायबिटीज की नई दवाएँ कौन-कौन सी हैं? 21वीं सदी की इस भागदौड़-भरी ज़‍िन्दगी में क्या उपाय करें कि डायबिटीज आपके पास न फटके और अगर हो जाए तो उसे कैसे जीतें! डॉ. यतीश अग्रवाल की यह पुस्तक डायबिटीज जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर हिन्‍दी में अपने ढंग की पहली प्रामाणिक कृति है। सरल सुबोध शैली में लिखी गई इस पुस्तक में आयुर्विज्ञान के साथ-साथ योग, आहार, व्यायाम, जामुन, मेथी और विजयसार के लाभकारी गुणों पर भी उपयोगी जानकारी है। खुलासा है नई से नई खोजों का…और इस नई वैज्ञानिक सोच का भी कि डायबिटीज में मीठी चीज़ें छोड़ना क़त्तई ज़रूरी नहीं है।

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Description

डायबिटीज क्यों होती है? डायबिटीज की पहचान क्या है? डायबिटीज से कैसे बचें? मेथी शुगर को कैसे कम करती है? खाने-पीने में क्या-क्या एहतियात बरतें? कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं? व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें? इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है? इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें? कब कौन-सा टेस्ट कराएँ? घर पर ब्लड शुगर की कैसे जाँच करें? यौन क्षमता कैसे दुरुस्त रखें? डायबिटीज के बुरे असर से शरीर को कैसे बचाएँ? डायबिटीज की नई दवाएँ कौन-कौन सी हैं? 21वीं सदी की इस भागदौड़-भरी ज़‍िन्दगी में क्या उपाय करें कि डायबिटीज आपके पास न फटके और अगर हो जाए तो उसे कैसे जीतें! डॉ. यतीश अग्रवाल की यह पुस्तक डायबिटीज जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर हिन्‍दी में अपने ढंग की पहली प्रामाणिक कृति है। सरल सुबोध शैली में लिखी गई इस पुस्तक में आयुर्विज्ञान के साथ-साथ योग, आहार, व्यायाम, जामुन, मेथी और विजयसार के लाभकारी गुणों पर भी उपयोगी जानकारी है। खुलासा है नई से नई खोजों का…और इस नई वैज्ञानिक सोच का भी कि डायबिटीज में मीठी चीज़ें छोड़ना क़त्तई ज़रूरी नहीं है।

About Author

डॉ यतीश अग्रवाल

एम.बी.बी.एस., एम.डी., डी.एस.सी.

जन्म: 20 जून, 1959; बरेली (उ.प्र.)। आरम्भिक शिक्षा दिल्ली एवं लखनऊ में। आयुर्विज्ञान की उच्चतर शिक्षा यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली; बल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली; किंग्जवे कैंप टी.बी. अस्पताल, दिल्ली और सफदरजंग अस्पताल से। दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन। 1998 में फ़ाउंडेशन फ़ॉर डिटेक्शन ऑफ़ अर्ली गैस्ट्रिक कार्सिनोमा, जापान के तत्त्वावधान में अन्‍तरराष्ट्रीय फ़ेलोशिप और नेशनल कैंसर सेंटर हॉस्पिटल, टोक्यो में उच्चतर प्रशिक्षण। विज्ञान परिषद्, इलाहाबाद से 1999 में विज्ञान वाचस्पति (डॉक्टर ऑफ साइंस) की उपाधि। सम्प्रति, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक।

डॉ. अग्रवाल देश में स्वास्थ्य और जनप्रिय आयुर्विज्ञान साहित्य के प्रमुख रचनाकारों में से हैं। सन् 1980 से उनके स्तम्भ और लेख-चिन्तन देश के प्रमुख राष्ट्रीय हिन्दी-अंग्रेज़ी दैनिकों और पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते आ रहे हैं। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए भी प्रचुर रूप से लिखा है और रेडियो-टेलीविज़न के लिए भी सीरियलों का अभिकल्पन और लेखन किया है।

उनके कॉलम ‘स्वास्थ्य सुलझन’ (गृहशोभा), ‘ओपीडी’ (हिन्दुस्तान) और ‘सैकेंड ओपिनियन’ (हिन्दुस्तान टाइम्स) पाठकों के बीच अत्यन्‍त लोकप्रिय हैं। उनके पूर्व-प्रकाशित कॉलमों में ‘परामर्श’, ‘दस सवाल’, ‘स्वास्थ्य परिक्रमा’, ‘चेक आउट’, ‘एक्सप्रेस क्रुसेड फ़ॉर हेल्थ’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनकी बहुत-सी पुस्तकें बेस्टसेलर साबित होने के बाद अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के साथ-साथ देश की अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। अपने कृतित्व के लिए डॉ. अग्रवाल भारत सरकार के ‘शिक्षा पुरस्कार’ (2003), ‘साहित्यकार सम्मान’ (हिन्दी अकादमी, 2003), ‘आत्माराम सम्मान’ (1999), ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ (1999), ‘मेघनाद साहा सम्मान’ (1991, ’92, ’93) और स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ (1994, ’95, ’97) से अलंकृत किए जा चुके हैं।

डॉ. अग्रवाल देश के उन चुनिन्‍दा चिकित्सकों में हैं जो अस्पताल के बाहर भी देशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति मन-प्राण से समर्पित हैं।

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