Dalit Rajniti Ki Samasyayen

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
राजकिशोर
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Vani Prakashan
Author:
राजकिशोर
Language:
Hindi
Format:
Paperback

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148

आज के प्रश्न –
दलित राजनीति की समस्याएँ –
दलित राजनीति से उम्मीद थी कि वह न केवल दलितों का संगठन करेगी और उन्हें अन्याय से संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि देश के लिए एक नयी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था प्रस्तावित करेगी, जो स्वतन्त्रता, समानता और भाई-चारे पर आधारित हो। दलित राजनीति में आज ये स्वर क्यों नहीं सुनाई पड़ रहे हैं ? इस स्थिति का रहस्य क्या है कि जैसे-जैसे दलित आन्दोलन मजबूत हो रहा है, वैसे-वैसे दलित राजनीति आदर्शविहीन और व्यक्तिवादी होती जा रही है? दलित राजनीति से जुड़े तमाम प्रश्नों की विचारोत्तेजक पड़ताल।

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आज के प्रश्न –
दलित राजनीति की समस्याएँ –
दलित राजनीति से उम्मीद थी कि वह न केवल दलितों का संगठन करेगी और उन्हें अन्याय से संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि देश के लिए एक नयी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था प्रस्तावित करेगी, जो स्वतन्त्रता, समानता और भाई-चारे पर आधारित हो। दलित राजनीति में आज ये स्वर क्यों नहीं सुनाई पड़ रहे हैं ? इस स्थिति का रहस्य क्या है कि जैसे-जैसे दलित आन्दोलन मजबूत हो रहा है, वैसे-वैसे दलित राजनीति आदर्शविहीन और व्यक्तिवादी होती जा रही है? दलित राजनीति से जुड़े तमाम प्रश्नों की विचारोत्तेजक पड़ताल।

About Author

राजकिशोर - राजनीतिक टिप्पणीकार और स्तम्भ लेखक राजकिशोर रविवार, परिवर्तन तथा नवभारत टाइम्स के उच्च संपादकीय पदों पर काम कर चुके हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित | हिन्दी लेखक के सरोकार, जाति कौन तोड़ेगा, एक भारतीय के दुख, रोशनी यहाँ है तथा एक अहिन्दू का घोषणापत्र जैसी अनेक बहुचर्चित पुस्तकों के लेखक एवं 'आज के प्रश्न' पुस्तक श्रृंखला के संपादक। राजकिशोर के उपन्यास 'तुम्हारा सुख' को लोकप्रियता तथा प्रशंसा मिली। उनके कविता संग्रह का शीर्षक है 'पाप के दिन'।

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