Daastan-e-Ram

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
रूपान्तर एवं आलेख दानिश इक़बाल
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Vani Prakashan
Author:
रूपान्तर एवं आलेख दानिश इक़बाल
Language:
Hindi
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Paperback

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80

हमारी शायरी की जड़ें हिन्दुस्तानी तहज़ीब-ओ-सकाफ़त की मिट्टी में किस गहराई से पैवस्त हैं इसकी बेहतरीन मिसाल आपके हाथ में है। नये दौर की मनफ़ी सियासत ने अपनाईयत-ओ-यगानगत के उस माहौल को हमसे शायद छीन लिया जिसमें मुशतर्का तहज़ीब फलती-फूलती और परवान चढ़ती है। यही वजह है कि उन्नीसवीं और बीसवीं सदी में पंजाब और राजपूताने से लेकर अवध और दक्कन जैसे मक़ामात पर उर्दू रासलीला और रामलीला की पेशकश के हवाले जब-जब हमारे रंगारंग माज़ी की दिलकश कहानी सुनाते हैं तो हमें थोड़ा उदास भी कर जाते हैं। इस एतबार से दास्तान-ए-राम किताबों में महसूर एक गुमशुदा सक़ाफ़त की बाज़याफ्त भी है और एक नयी रिवायत की खुश आइन्द इब्तिदा भी….

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Description

हमारी शायरी की जड़ें हिन्दुस्तानी तहज़ीब-ओ-सकाफ़त की मिट्टी में किस गहराई से पैवस्त हैं इसकी बेहतरीन मिसाल आपके हाथ में है। नये दौर की मनफ़ी सियासत ने अपनाईयत-ओ-यगानगत के उस माहौल को हमसे शायद छीन लिया जिसमें मुशतर्का तहज़ीब फलती-फूलती और परवान चढ़ती है। यही वजह है कि उन्नीसवीं और बीसवीं सदी में पंजाब और राजपूताने से लेकर अवध और दक्कन जैसे मक़ामात पर उर्दू रासलीला और रामलीला की पेशकश के हवाले जब-जब हमारे रंगारंग माज़ी की दिलकश कहानी सुनाते हैं तो हमें थोड़ा उदास भी कर जाते हैं। इस एतबार से दास्तान-ए-राम किताबों में महसूर एक गुमशुदा सक़ाफ़त की बाज़याफ्त भी है और एक नयी रिवायत की खुश आइन्द इब्तिदा भी….

About Author

दानिश इक़बाल दानिश इक़बाल, एक कलाकार, सांस्कृतिक- आयोजक, कला-प्रशासक और मीडिया व्यक्ति की भूमिकाओं में भारतीय साहित्यिक परम्पराओं के एकीकृत सूत्र को पेश करने के लिए विभिन्न शैलियों को संयोजित करते हुए, थियेटर और मास मीडिया में महत्त्वपूर्ण योगदान देते आये हैं। पन्द्रह से अधिक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित दानिश इकबाल, अब तक 33 नाटकों, 45 अन्य स्टेज प्रोडक्शंस और 43 वृत्तचित्रों और टीवी श्रृंखलाओं का लेखन कर चुके हैं।

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