Cricket
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹310 ₹233
Save: 25%
In stock
Ships within:
In stock
ISBN:
Page Extent:
क्रिकेट –
‘क्रिकेट’ मलयालम के चर्चित उपन्यासकार श्री के.एल. मोहन वर्मा का अत्यन्त रोचक उपन्यास है।
इसकी कथावस्तु भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच से जुड़ी घटनाओं/क्रियाओं/प्रतिक्रियाओं से जुड़ी हुई है। इसके तमाम चरित्र जिस तरह विकसित हुए हैं, उससे क्रिकेट एक विराट रूपक जैसा बन जाता है। उपन्यास की संरचना में शामिल कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्र हैं—असफल प्रेम, असफलता का कारण बननेवाले प्रेमी से नैतिक प्रतिशोध लेती नारी, क्रिकेट में अधोलोक की घुसपैठ की कोशिश, दोनों टीमों के वरिष्ठ खिलाड़ियों की स्पोर्ट्समैनशिप, भारतीय महाद्वीप के लोगों की मूलभूत एकता और मैत्री, क्रिकेट की राजनीति और राजनीति में क्रिकेट और क्रिकेट में जारी सट्टेबाज़ी। जहाँ तक खेल की तकनीकी जानकारी का सवाल है, लेखक ख़ुद किसी मैच रेफ़री से कम नहीं। क्रिकेट सम्बन्धी रोचक तथ्यों, आँकड़ों और उपाख्यानों की भरमार इस रचना में है लेकिन लेखकीय कौशल इतना चुस्त कि यह सब कथावस्तु के सहज प्रवाह में बाधक बनकर उपस्थित नहीं होता, बल्कि सहायक के रूप में आता है।
क्रिकेट –
‘क्रिकेट’ मलयालम के चर्चित उपन्यासकार श्री के.एल. मोहन वर्मा का अत्यन्त रोचक उपन्यास है।
इसकी कथावस्तु भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच से जुड़ी घटनाओं/क्रियाओं/प्रतिक्रियाओं से जुड़ी हुई है। इसके तमाम चरित्र जिस तरह विकसित हुए हैं, उससे क्रिकेट एक विराट रूपक जैसा बन जाता है। उपन्यास की संरचना में शामिल कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्र हैं—असफल प्रेम, असफलता का कारण बननेवाले प्रेमी से नैतिक प्रतिशोध लेती नारी, क्रिकेट में अधोलोक की घुसपैठ की कोशिश, दोनों टीमों के वरिष्ठ खिलाड़ियों की स्पोर्ट्समैनशिप, भारतीय महाद्वीप के लोगों की मूलभूत एकता और मैत्री, क्रिकेट की राजनीति और राजनीति में क्रिकेट और क्रिकेट में जारी सट्टेबाज़ी। जहाँ तक खेल की तकनीकी जानकारी का सवाल है, लेखक ख़ुद किसी मैच रेफ़री से कम नहीं। क्रिकेट सम्बन्धी रोचक तथ्यों, आँकड़ों और उपाख्यानों की भरमार इस रचना में है लेकिन लेखकीय कौशल इतना चुस्त कि यह सब कथावस्तु के सहज प्रवाह में बाधक बनकर उपस्थित नहीं होता, बल्कि सहायक के रूप में आता है।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Reviews
There are no reviews yet.