Bhasha, Sahitya Aur Desh
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹110 ₹109
Save: 1%
In stock
Ships within:
In stock
ISBN:
Page Extent:
भाषा, साहित्य और देश –
भारतीय संस्कृति और साहित्य की लोकोन्मुख क्रान्तिकारी परम्परा के प्रतीक आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के इन निबन्धों में भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज और जीवन से जुड़ी एक बहुआयामी खनक और जीवन्त वैचारिक लय है। इनमें अतीत एवं वर्तमान के बीच प्रवहमान एक ऐसा सघन आत्मीय संवाद और लालित्य से भरपूर ऐसी गतिशील चिन्तनधारा है जो साहित्य के समकालीन परिदृश्य में भी सर्वथा प्रासंगिक है।
भाषा, साहित्य और देश –
भारतीय संस्कृति और साहित्य की लोकोन्मुख क्रान्तिकारी परम्परा के प्रतीक आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के इन निबन्धों में भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज और जीवन से जुड़ी एक बहुआयामी खनक और जीवन्त वैचारिक लय है। इनमें अतीत एवं वर्तमान के बीच प्रवहमान एक ऐसा सघन आत्मीय संवाद और लालित्य से भरपूर ऐसी गतिशील चिन्तनधारा है जो साहित्य के समकालीन परिदृश्य में भी सर्वथा प्रासंगिक है।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Related products
RELATED PRODUCTS
BHARTIYA ITIHAAS KA AADICHARAN: PASHAN YUG (in Hindi)
Save: 15%
BURHANPUR: Agyat Itihas, Imaratein aur Samaj (in Hindi)
Save: 15%
Reviews
There are no reviews yet.