Bhasha Evam Bhasha Shikshan-2
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भारतवर्ष में, खासकर उत्तरी भारत में एक बहुत बड़ी कमी यह है कि शिक्षकों के पढ़ने योग्य सामग्री बहुत कम है, विशेषकर हिन्दी में। भाषा के क्षेत्र में तो इस तरह की सामग्री सचमुच बहुत ही सीमित है। इस श्रृंखला का प्रकाशन इस कमी को पूरा करने की दिशा में एक छोटा-सा प्रयास है।
वर्ष 2014 में भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-1 का प्रकाशन हुआ जिसका देशभर में स्वागत हुआ। शृंखला को आगे बढ़ाते हुए भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-2 आपके समक्ष प्रस्तुत है। हम उम्मीद करते हैं इस कड़ी में नये-नये खण्ड अब जुड़ते ही जाएंगे और भारतीय शिक्षकों के पास भाषा के क्षेत्र में पढ़ने-लिखने के लिए सामग्री का भंडार समृद्ध होता चला जाएगा।
भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-2 का यह अंक लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग पत्रिका (विद्या भवन सोसायटी, उदयपुर व अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, बेंगलूरू द्वारा प्रकाशित) के तीन अंकों: अंक 4-5-6 से चुनी गई सामग्री पर आधारित है। इस पत्रिका में प्रकाशित सामग्री का सम्बन्ध किसी विशेष भाषा जैसे- अंग्रेजी या हिन्दी से नहीं होता। यह पत्रिका भाषा सीखने-सिखाने के मुद्दों से जुड़ी है और ये मुद्दे किसी भाषा विशेष के न होकर किसी भी भाषा के हो सकते हैं। पत्रिका उन बातों को बहुत ही सरल शब्दों में शिक्षकों के सामने प्रस्तुत करती है जो एक तरफ तो आधुनिक शोध से जुड़ी हैं एवं दूसरी ओर कक्षा में होने वाली भाषा शिक्षण की प्रक्रियाओं से।
भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-2 में भी आपको इन्हीं बातों की झलक मिलेगी। पुस्तक के संपादक रमाकान्त अग्निहोत्री एवं अमृत लाल खन्ना हैं जो जाने-माने भाषाविद् हैं व बच्चों के भाषा सीखने की प्रक्रिया एवं भाषा शिक्षण में विशेष रुचि रखते हैं। ये दोनों लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग पत्रिका के भी मुख्य सम्पादक हैं।
भारतवर्ष में, खासकर उत्तरी भारत में एक बहुत बड़ी कमी यह है कि शिक्षकों के पढ़ने योग्य सामग्री बहुत कम है, विशेषकर हिन्दी में। भाषा के क्षेत्र में तो इस तरह की सामग्री सचमुच बहुत ही सीमित है। इस श्रृंखला का प्रकाशन इस कमी को पूरा करने की दिशा में एक छोटा-सा प्रयास है।
वर्ष 2014 में भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-1 का प्रकाशन हुआ जिसका देशभर में स्वागत हुआ। शृंखला को आगे बढ़ाते हुए भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-2 आपके समक्ष प्रस्तुत है। हम उम्मीद करते हैं इस कड़ी में नये-नये खण्ड अब जुड़ते ही जाएंगे और भारतीय शिक्षकों के पास भाषा के क्षेत्र में पढ़ने-लिखने के लिए सामग्री का भंडार समृद्ध होता चला जाएगा।
भाषा और भाषा शिक्षण खण्ड-2 का यह अंक लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग पत्रिका (विद्या भवन सोसायटी, उदयपुर व अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, बेंगलूरू द्वारा प्रकाशित) के तीन अंकों: अंक 4-5-6 से चुनी गई सामग्री पर आधारित है। इस पत्रिका में प्रकाशित सामग्री का सम्बन्ध किसी विशेष भाषा जैसे- अंग्रेजी या हिन्दी से नहीं होता। यह पत्रिका भाषा सीखने-सिखाने के मुद्दों से जुड़ी है और ये मुद्दे किसी भाषा विशेष के न होकर किसी भी भाषा के हो सकते हैं। पत्रिका उन बातों को बहुत ही सरल शब्दों में शिक्षकों के सामने प्रस्तुत करती है जो एक तरफ तो आधुनिक शोध से जुड़ी हैं एवं दूसरी ओर कक्षा में होने वाली भाषा शिक्षण की प्रक्रियाओं से।
भाषा एवं भाषा शिक्षण खण्ड-2 में भी आपको इन्हीं बातों की झलक मिलेगी। पुस्तक के संपादक रमाकान्त अग्निहोत्री एवं अमृत लाल खन्ना हैं जो जाने-माने भाषाविद् हैं व बच्चों के भाषा सीखने की प्रक्रिया एवं भाषा शिक्षण में विशेष रुचि रखते हैं। ये दोनों लेंग्वेज एंड लेंग्वेज टीचिंग पत्रिका के भी मुख्य सम्पादक हैं।
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