भारतीय संविधान I Bhartiya Samvidhaan (HINDI)
Publisher:
| Author:
| Language:
| Format:
Publisher:
Author:
Language:
Format:
₹700 ₹454
Save: 35%
In stock
Ships within:
In stock
Weight | 650 g |
---|---|
Book Type |
ISBN:
Page Extent:
यह पुस्तक भारतीय संविधान के ऐतिहासिक सच, तथ्य, कथ्य और यथार्थ की कौतूहलता का सजीव चित्रण करती है। संविधान की कल्पना, अवधारणा और उसका उलझा इतिहास इसमें समाहित है। घटनाएँ इतिहास नहीं होतीं, उसके नायक इतिहास बनाते हैं। 1920 से महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन की मुख्यधारा का नेतृत्व किया। उन्होंने ही स्वराज्य को पुनर्परिभाषित किया। फिर संविधान की कल्पना को शब्दों में उतारा। इस तरह संविधान की अवधारणा का जो विकास हुआ, उसके राजनीतिक नायक महात्मा गांधी हैं। वे संविधान सभा के गठन, उसे विघटित होने से बचाने और सत्ता हस्तांतरण की हर प्रक्रिया में अत्यंत सतर्क हैं। उन्होंने हर मोड़ पर कांग्रेस को बौद्धिक, विधिक, राजनीतिक और नैतिक मार्गदर्शन दिया। संविधान के इतिहास से पता नहीं क्यों, इसे ओझल किया गया है। ग्रेनविल ऑस्टिन ने जो स्थापना दी, उसके विपरीत इस पुस्तक में महात्मा गांधी की नेतृत्वकारी भूमिका का प्रामाणिक विवरण है। पंडित नेहरू बड़बोले नेता थे। खंडित चित्त से उनका व्यक्तित्व विरोधाभासी था।
यह पुस्तक भारतीय संविधान के ऐतिहासिक सच, तथ्य, कथ्य और यथार्थ की कौतूहलता का सजीव चित्रण करती है। संविधान की कल्पना, अवधारणा और उसका उलझा इतिहास इसमें समाहित है। घटनाएँ इतिहास नहीं होतीं, उसके नायक इतिहास बनाते हैं। 1920 से महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन की मुख्यधारा का नेतृत्व किया। उन्होंने ही स्वराज्य को पुनर्परिभाषित किया। फिर संविधान की कल्पना को शब्दों में उतारा। इस तरह संविधान की अवधारणा का जो विकास हुआ, उसके राजनीतिक नायक महात्मा गांधी हैं। वे संविधान सभा के गठन, उसे विघटित होने से बचाने और सत्ता हस्तांतरण की हर प्रक्रिया में अत्यंत सतर्क हैं। उन्होंने हर मोड़ पर कांग्रेस को बौद्धिक, विधिक, राजनीतिक और नैतिक मार्गदर्शन दिया। संविधान के इतिहास से पता नहीं क्यों, इसे ओझल किया गया है। ग्रेनविल ऑस्टिन ने जो स्थापना दी, उसके विपरीत इस पुस्तक में महात्मा गांधी की नेतृत्वकारी भूमिका का प्रामाणिक विवरण है। पंडित नेहरू बड़बोले नेता थे। खंडित चित्त से उनका व्यक्तित्व विरोधाभासी था।
About Author
Reviews
There are no reviews yet.
Related products
RELATED PRODUCTS
History of the Freedom Movement in India (Set of 3 Volumes)
Save: 5%
Reviews
There are no reviews yet.