Bharatnama (HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Sunil Khilnani
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
Sunil Khilnani
Language:
Hindi
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Hardback

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आज के भारत की राजनीति का संभवतः सर्वश्रेष्ठ गैरऔपन्यासिक परिचय…-माइकल फुट, इवनिंग स्टैण्डर्ड भारत और उसकी समसामयिक परिस्थितियों पर कोई और किताब ही इससे अधिक गहनता के साथ बेहतर रौशनी डाल सके | – इयान जैक, ऑब्जर्वर इस शानदार किताब का मकसद कोई भविष्यवाणी करने के बजाय यह बताना है कि भारत अपनी मौजूदा हैसियत तक कैसे पहुँचा और उसका अंतर्निहित विचार कैसे विकसित हुआ | यह किताब आजादी के पचास साल बाद भारत की खूबियों और खामियों की तरफ इशारा करती है…उत्कृष्ट बौद्धिकता से समपन्न यह पुस्तक करीब ढाई सौ पृष्ठों में आधुनिक भारत की कई जटिलताओं की शिनाख्त करते हुए उनके उद्घाटन और व्याख्या में सफल होती है…इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है |-डेविड गिलमूर, इंडिपेंडेंट ऑन सन्डे यह पुस्तक भारतीय राष्ट्र की परिभाषाओं को उजागर करती है…सभी तरह के रोमानी संस्कृतिवादियों और धार्मिक कट्टरपंथियों की दलीलों को कुशलता से परास्त कर देती है |- इयान वरुपा, न्यूयार्क रिव्यु ऑव बुक्स

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आज के भारत की राजनीति का संभवतः सर्वश्रेष्ठ गैरऔपन्यासिक परिचय…-माइकल फुट, इवनिंग स्टैण्डर्ड भारत और उसकी समसामयिक परिस्थितियों पर कोई और किताब ही इससे अधिक गहनता के साथ बेहतर रौशनी डाल सके | – इयान जैक, ऑब्जर्वर इस शानदार किताब का मकसद कोई भविष्यवाणी करने के बजाय यह बताना है कि भारत अपनी मौजूदा हैसियत तक कैसे पहुँचा और उसका अंतर्निहित विचार कैसे विकसित हुआ | यह किताब आजादी के पचास साल बाद भारत की खूबियों और खामियों की तरफ इशारा करती है…उत्कृष्ट बौद्धिकता से समपन्न यह पुस्तक करीब ढाई सौ पृष्ठों में आधुनिक भारत की कई जटिलताओं की शिनाख्त करते हुए उनके उद्घाटन और व्याख्या में सफल होती है…इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है |-डेविड गिलमूर, इंडिपेंडेंट ऑन सन्डे यह पुस्तक भारतीय राष्ट्र की परिभाषाओं को उजागर करती है…सभी तरह के रोमानी संस्कृतिवादियों और धार्मिक कट्टरपंथियों की दलीलों को कुशलता से परास्त कर देती है |- इयान वरुपा, न्यूयार्क रिव्यु ऑव बुक्स

About Author

सुनील खिलनानी

जन्म: दिल्ली में।

शिक्षा: कैंब्रिज के ट्रिनिटी हाल और किंग्स कालेज में।

क्राइस्ट्स कालेज, कैंब्रिज के फ़ैलो रहे।

प्रकाशन: फ्रांस के वामपंथी आंदोलन पर आर्ग्यूइंग रिवोल्यूशन: द इंटलैक्च्युअल लेफ्ट इन पोस्ट वार फ्रांस (1993), द आइडिया ऑव इंडिया (1997)।

हिन्दी अनुवाद: भारतनामा (2000)।

संप्रति: लंदन विश्वविद्यालय के बर्कबैक कालेज में राजनीति शास्त्र का अध्यापन तथा हैमिश हैमिल्टन द्वारा प्रकाश्य जवाहरलाल नेहरू की जीवनी लिखने में व्यस्त। 

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