Ayodhya (Parampara,Sanskriti,Virasat)

Publisher:
Vani Prakashan
| Author:
यतीन्द्र मिश्र
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback

5,999

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789355180865 Category
Category:
Page Extent:
292

सप्तपुरियों में मोक्षदायिनी, प्रभु श्रीराम की जन्म तथा लीलास्थली होने का गौरव पायी अयोध्या नगरी की सांस्कृतिक परिक्रमा करते हुए इस अध्ययन के माध्यम से उसके हृदय में उपस्थित अध्यात्म, धर्म, दर्शन, समन्वय, त्याग, तपस्या, अनुशासन और मर्यादा की अन्तर्ध्वनियों को विनम्रतापूर्वक रेखांकित करने का प्रयास है। अयोध्या, जो अपने उदार समावेशी चरित्र को व्यक्त करती हुई पौराणिक काल से वर्तमान समय तक मनुष्यता के उच्च आदर्शों को अभिव्यक्त करने के लिए जानी जाती है, उसके अन्तःकरण को आत्मीयता से समझने के लिए इस वैचारिक यात्रा में अयोध्या की भव्य दर्शन-झाँकी के माध्यम से हम उसके सात्विक भाव का आचमन कर सकते हैं। यह नगरी सिर्फ़ धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, उपवासों व लोक आस्था का केन्द्र ही नहीं है, वरन वह यहाँ के कण-कण में मौजूद उन महान विचारकों, सन्तों, ज्ञानियों, वैरागियों और मधुरोपासना के अद्वितीय साधकों की कर्मस्थली भी रही है। एक ऐसा स्थान, जहाँ से मर्यादा और समन्वय की स्थापना के लिए श्रीरामचरितमानस जैसे ग्रन्थ का प्रणयन हुआ, तो दूसरी ओर जैन धर्म के पाँच प्रमुख तीर्थंकरों की जन्मस्थली होने का गौरव भी इसे मिला। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध ने वर्षों तक यहाँ वर्षावास किया और ढेरों अनाम भक्तों व राम-नाम का स्मरण करने वाले गायकों ने इसे अमर बनाया।

0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ayodhya (Parampara,Sanskriti,Virasat)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You have to be logged in to be able to add photos to your review.

Description

सप्तपुरियों में मोक्षदायिनी, प्रभु श्रीराम की जन्म तथा लीलास्थली होने का गौरव पायी अयोध्या नगरी की सांस्कृतिक परिक्रमा करते हुए इस अध्ययन के माध्यम से उसके हृदय में उपस्थित अध्यात्म, धर्म, दर्शन, समन्वय, त्याग, तपस्या, अनुशासन और मर्यादा की अन्तर्ध्वनियों को विनम्रतापूर्वक रेखांकित करने का प्रयास है। अयोध्या, जो अपने उदार समावेशी चरित्र को व्यक्त करती हुई पौराणिक काल से वर्तमान समय तक मनुष्यता के उच्च आदर्शों को अभिव्यक्त करने के लिए जानी जाती है, उसके अन्तःकरण को आत्मीयता से समझने के लिए इस वैचारिक यात्रा में अयोध्या की भव्य दर्शन-झाँकी के माध्यम से हम उसके सात्विक भाव का आचमन कर सकते हैं। यह नगरी सिर्फ़ धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, उपवासों व लोक आस्था का केन्द्र ही नहीं है, वरन वह यहाँ के कण-कण में मौजूद उन महान विचारकों, सन्तों, ज्ञानियों, वैरागियों और मधुरोपासना के अद्वितीय साधकों की कर्मस्थली भी रही है। एक ऐसा स्थान, जहाँ से मर्यादा और समन्वय की स्थापना के लिए श्रीरामचरितमानस जैसे ग्रन्थ का प्रणयन हुआ, तो दूसरी ओर जैन धर्म के पाँच प्रमुख तीर्थंकरों की जन्मस्थली होने का गौरव भी इसे मिला। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध ने वर्षों तक यहाँ वर्षावास किया और ढेरों अनाम भक्तों व राम-नाम का स्मरण करने वाले गायकों ने इसे अमर बनाया।

About Author

यतीन्द्र मिश्रहिन्दी के प्रतिष्ठित रचनाकार। भारतीय संगीत और सिनेमा विषयक पुस्तकें विशेष चर्चित । अब तक चार कविता-संग्रह समेत शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी पर 'गिरिजा', नृत्यांगना सोनल मानसिंह से सेवाद पर 'देवप्रिया', शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ के जीवन व संगीत पर 'सुर की बारादरी' तथा पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की संगीत यात्रा पर 'लताः सुर- गाथा' प्रकाशित। अवध संस्कृति पर आधारित 'शहरनामा: फ़ैज़ाबाद', 'अयोध्या की संगीत परम्परा' तथा प्रख्यात ग़ज़ल गायिका बेगम अख़्तर पर 'अख़्तरी' सम्पादित पुस्तकें हैं। 'गिरिजा', 'विभास' और 'अख़्तरी' का अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार 'स्वर्ण कमल', उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार, मामी मुम्बई फ़िल्म फेस्टिवल पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद युवा पुरस्कार, कलिंग साहित्य पुरस्कार, स्पन्दन ललित कला सम्मान, द्वारका प्रसाद अग्रवाल भास्कर युवा पुरस्कार, एच. के. त्रिवेदी स्मृति युवा पत्रकारिता पुरस्कार, महाराणा मेवाड़ सम्मान, हेमन्त स्मृति कविता पुरस्कार, भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार से सम्मानित । दूरदर्शन (प्रसार भारती) के कला-संस्कृति के चैनल डी. डी. भारती के सलाहकार के रूप में कार्यरत (2014-2016)। अयोध्या की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक पहचान के अभिलेखीकरण और लेखन में संलग्न ।
0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ayodhya (Parampara,Sanskriti,Virasat)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You have to be logged in to be able to add photos to your review.

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED