Asali Paapi Kaun

Publisher:
Sarvatra
| Author:
Ashok Sawhney
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Sarvatra
Author:
Ashok Sawhney
Language:
Hindi
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Paperback

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अशोक साहनी देश में कलार्इ घड़ी डायल उद्योग के स्तंभ हैं। इसके अलावा उनके विशिष्ट गुणों में उर्दू शेरो-शायरी, सही मायनों में जोखिम लेने वाली उद्यमशीलता और भाषा विशेषज्ञता शामिल हैं। उनका हँसमुख स्वभाव हर एक तथा सभी के लिए आनंद देने वाला है। उन्होंने एक सच्चे उद्यमी के रूप में 1965 में लन्गनडॉर्फ़ वॉच कंपनी, स्विट्जरलैंड से महत्त्वपूर्ण अनुभव पाने के बाद देश में 1970 में पहली बार कलार्इ घड़ी डायल निर्माण इकार्इ स्थापित की। एक सच्चे देशभक्त के नाते उनका मूल इरादा आयात पर निर्भरता कम करना था। अब ऐसी पाँच इकाइयाँ चल रही हैं और उनमें 2000 कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में वे स्विस मिलिट्री के विश्व स्तरीय य हैं, जो कि स्विट्ज़रलैंड का अत्यधिक लोकप्रिय और बड़े पैमाने पर सफल एक अहम लाइफ़स्टाइल रिटेल ब्रांड है। विश्व के लगभग 15 देशों में इनके उत्पाद का विक्रय होता है। वे कर्इ संस्थाओं के ट्रस्टी का कार्यभार भी कुशलतापूर्वक निभा रहे हैं। आपको आर्इ एस ओ 902 द्वारा प्रमाणित होकर मार्गदर्शक पथ पर अग्रसारित होते हुए 2002 के ‘उद्योग पत्र सम्मान’ द्वारा औद्योगिक विकास व व्यापार संस्था ने सम्मानित किया है। श्री साहनी सात भाषाओं में दक्ष हैं और पूरी तरह प्रबुद्ध कवि हैं। उनकी प्रमुख मुस्लिम विश्वविद्यालयों तथा उर्दू के सम-सामयिक वरिष्ठ शायरों ने भूरि—भूरि प्रशंसा की है। वे इन सामाजिक संगठनों में प्रमुख ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं: मुख्य संरक्षक: ज़ाकिर हुसैन ट्रस्ट (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबद्ध) ट्रस्टी: गुरु तेग बहादुर इंटरनेशनल ट्रस्ट।.

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Description

अशोक साहनी देश में कलार्इ घड़ी डायल उद्योग के स्तंभ हैं। इसके अलावा उनके विशिष्ट गुणों में उर्दू शेरो-शायरी, सही मायनों में जोखिम लेने वाली उद्यमशीलता और भाषा विशेषज्ञता शामिल हैं। उनका हँसमुख स्वभाव हर एक तथा सभी के लिए आनंद देने वाला है। उन्होंने एक सच्चे उद्यमी के रूप में 1965 में लन्गनडॉर्फ़ वॉच कंपनी, स्विट्जरलैंड से महत्त्वपूर्ण अनुभव पाने के बाद देश में 1970 में पहली बार कलार्इ घड़ी डायल निर्माण इकार्इ स्थापित की। एक सच्चे देशभक्त के नाते उनका मूल इरादा आयात पर निर्भरता कम करना था। अब ऐसी पाँच इकाइयाँ चल रही हैं और उनमें 2000 कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में वे स्विस मिलिट्री के विश्व स्तरीय य हैं, जो कि स्विट्ज़रलैंड का अत्यधिक लोकप्रिय और बड़े पैमाने पर सफल एक अहम लाइफ़स्टाइल रिटेल ब्रांड है। विश्व के लगभग 15 देशों में इनके उत्पाद का विक्रय होता है। वे कर्इ संस्थाओं के ट्रस्टी का कार्यभार भी कुशलतापूर्वक निभा रहे हैं। आपको आर्इ एस ओ 902 द्वारा प्रमाणित होकर मार्गदर्शक पथ पर अग्रसारित होते हुए 2002 के ‘उद्योग पत्र सम्मान’ द्वारा औद्योगिक विकास व व्यापार संस्था ने सम्मानित किया है। श्री साहनी सात भाषाओं में दक्ष हैं और पूरी तरह प्रबुद्ध कवि हैं। उनकी प्रमुख मुस्लिम विश्वविद्यालयों तथा उर्दू के सम-सामयिक वरिष्ठ शायरों ने भूरि—भूरि प्रशंसा की है। वे इन सामाजिक संगठनों में प्रमुख ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं: मुख्य संरक्षक: ज़ाकिर हुसैन ट्रस्ट (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से संबद्ध) ट्रस्टी: गुरु तेग बहादुर इंटरनेशनल ट्रस्ट।.

About Author

इसमें दो राय नहीं कि जब तक ज़िन्दगी है तब तक कहानियाँ जन्म लेती रहेंगी और जब तक कहानियाँ जन्म लेती रहेंगी तब तक क़िस्से और अफ़साने लिखने और सुनाने वाले पाये जाते रहेंगे। मगर आदर्श रूप में कहानी केवल समय बिताने के लिए नहीं बल्कि कोई न कोई शिक्षा देने वाली अवश्य होनी चाहिए। ज़माना बदलता रहता है, कहानियों, क़िस्सों और अफ़सानो की शैली और लिखने के तरीक़े बदलते रहते हैं। मगर उनका सार और उद्देश्य एक ही रहता है कि बच्चों, बड़ों और नई नस्ल के लोगों को इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाया जाये, उन्हें इन्सानी समाज में एक अच्छे इन्सान की तरह रहने की सीख दी जाये। अगर कहानियाँ नहीं होंगी तो आर्दश और संस्कार भी बाक़ी नहीं रहेंगे और अगर इन्सानी समाज से आर्दश और संस्कार समाप्त हो जायेंगे, तो यह तो संभव है कि इस धरती पर इन्सानी समाज बाक़ी रहे, मगर इन्सानियत, मानवता और भाईचारा सिसक-सिसक कर दम तोड़ दे - जैसा कि आज हम अपनी खुली आंखों से देख रहे हैं।.

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