SaleHardback
PRATIDARSH
Publisher:
SETU PRAKASHAN
| Author:
WAGISH SHUKLA
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
SETU PRAKASHAN
Author:
WAGISH SHUKLA
Language:
Hindi
Format:
Hardback
₹1,199 ₹899
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In stock
ISBN:
SKU
9789391277529
Category Hindi
Category: Hindi
Page Extent:
560
प्रतिदर्श संचयन है वागीश शुक्ल के अब तक के लेखन के चुनिंदा अंशों का। वे न सिर्फ विद्वान-आलोचक हैं, वे अपनी पीढ़ी और उससे पहले की पीढ़ी में भी अनोखे हैं। उनकी विद्वता संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी, व्याकरण, आधुनिक गणित और उत्तर आधुनिकता तक विस्तृत है
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Description
प्रतिदर्श संचयन है वागीश शुक्ल के अब तक के लेखन के चुनिंदा अंशों का। वे न सिर्फ विद्वान-आलोचक हैं, वे अपनी पीढ़ी और उससे पहले की पीढ़ी में भी अनोखे हैं। उनकी विद्वता संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी, व्याकरण, आधुनिक गणित और उत्तर आधुनिकता तक विस्तृत है
About Author
(जन्म : 1946, उत्तर प्रदेश) हिन्दी के सबसे गहरे और तीक्ष्ण सिद्धान्तकार, आलोचक, अनुवादक और उपन्यासकार। तीन पुस्तकें “चन्द्रकान्ता (सन्तति) का तिलिस्म’, ‘शहंशाह के कपड़े कहाँ है’ और ‘छन्द-छन्द पर कुमकुम’ प्रकाशित। दूसरी पुस्तक में साहित्य के अनेक मूलभूत प्रश्नों पर वैचारिक निबन्ध हैं। ‘छन्द-छन्द पर कुमकुम’ निराला की सुदीर्घ कविता राम की शक्ति पूजा’ की अद्वितीय टीका है। आधुनिक समय में ऐसा कोई वैचारिक उद्यम किसी अन्य भारतीय लेखक ने इस स्तर का नहीं किया है। यह टीका निराला की इस महत्त्वाकांक्षी कविता को भारतीय साहित्य की देशी और मार्गी परम्परा के परिवेश में अवस्थित कर उसकी अर्थ समृद्धि को सहज उद्घाटित करती है। वागीश जी ने गालिब के लगभग पूरे साहित्य की विस्तृत टीका लिख रखी है, जो आने वाले वर्षों में प्रकाशित होगी।वे पिछले कुछ वर्षों से एक सुदीर्घ उपन्यास लिखने में लगे हैं जिसके कुछ अंश हिन्दी की पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है। हिन्दी, संस्कृत, फ़ारसी और अंग्रेजी वाङ्मय के गहरे और गम्भीर अध्येता वागीश जी साहित्य अकादेमी की परियोजना, भारतीय काव्यशास्त्र का विश्वकोश, के मुख्य सहयोगी सम्पादक भी हैं। ‘प्रतिदर्श’ इनकी रचनाओं का संचयन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से सेवानिवृत्त होकर इन दिनों आप बस्ती (उत्तर प्रदेश) में रहते हैं।
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