SalePaperback
Nindiya Aa Ja
Publisher:
Rajpal and Sons
| Author:
Amritlal Nagar
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Rajpal and Sons
Author:
Amritlal Nagar
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹75 ₹68
Save: 10%
In stock
Ships within:
1-4 Days
In stock
ISBN:
Category: Hindi
Page Extent:
16
अमृतलाल नागर की गिनती हिन्दी के अग्रणी साहित्यकारों में होती है। उपन्यास और कहानी के अतिरिक्त उन्होंने बच्चों के लिए कविताएं भी लिखीं। प्रस्तुत पुस्तक की कविताएँ बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी देती हैं।
Be the first to review “Nindiya Aa Ja” Cancel reply
Description
अमृतलाल नागर की गिनती हिन्दी के अग्रणी साहित्यकारों में होती है। उपन्यास और कहानी के अतिरिक्त उन्होंने बच्चों के लिए कविताएं भी लिखीं। प्रस्तुत पुस्तक की कविताएँ बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें संस्कार भी देती हैं।
About Author
अमृतलाल नागर
नागर जी का जन्म 17 अगस्त, 1916 को आगरा में हुआ। लखनऊ में शिक्षा प्राप्त की और फिर वहीं बस गए। तस्लीम लखनवी, मेघराज, इन्द्र आदि उपनामों से भी लेखन किया है। बांग्ला, तमिल, गुजराती और मराठी भाषाओं के ज्ञाता। उनकी रचनाओं में ‘वाटिका’, ‘अवशेष’, ‘नवाबी मसनद’, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘एटम बम’, ‘एक दिल हजार दास्ताँ’, ‘पीपल की परी’, नामक कहानी-संग्रह; ‘महाकाल’, ‘सेठ बाँकेमल’, ‘बूँद और समुद्र’, ‘शतरंज के मोहरे’, ‘अमृत और विष’ आदि उपन्यास; ‘गदर के फूल’, ‘ये कोठेवालियाँ’ आदि शोध-कृतियाँ तथा बाल-साहित्य की ‘नटखट चाची’, ‘निंदिया आजा’ आदि उल्लेखनीय हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण कृतियों में तुलसी के जीवन पर आधारित महाकाव्यात्मक उपन्यास ‘मानस का हंस’; हास्य-व्यंग्य-संग्रह ‘कृपया दाएँ चलिए’, ‘भरत पुत्र नौरंगीलाल’ तथा संस्मरण-संग्रह ‘जिनके साथ जिया’ प्रमुख हैं।
नागर जी साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत हुए और उनकी अनेक कृतियाँ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी पुरस्कृत हुई हैं।
निधन : 23 फरवरी, 1990
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Nindiya Aa Ja” Cancel reply
[wt-related-products product_id="test001"]
Reviews
There are no reviews yet.