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Mansarovar – 1
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मानसरोवर के आठ खंडों में प्रेमचंद की लगभग तीन सौ कहानियों का संकलन है। जीवन और समाज का शायद ही कोई पहलू हो, जिस पर प्रेमचंद की प्रखर दृष्टि न गयी हो। गहराई, रोचकता और सादगी का जैसा संगम इन कहानियों में मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। प्रेमचंद की अद्वितीय कथा प्रतिभा का साक्षात्कार करने के लिए ‘मानसरोवर’ के प्रत्येक खंड को पढ़ना आवश्यक है।
मानसरोवर के आठ खंडों में प्रेमचंद की लगभग तीन सौ कहानियों का संकलन है। जीवन और समाज का शायद ही कोई पहलू हो, जिस पर प्रेमचंद की प्रखर दृष्टि न गयी हो। गहराई, रोचकता और सादगी का जैसा संगम इन कहानियों में मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। प्रेमचंद की अद्वितीय कथा प्रतिभा का साक्षात्कार करने के लिए ‘मानसरोवर’ के प्रत्येक खंड को पढ़ना आवश्यक है।
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