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Aaj Ka Hind Swaraj (HB)
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महात्मा गाँधी को सिरे से ख़ारिज करने या उनका अवमूल्यन करने की मुहिम, इन दिनों, सुनियोजित ढंग से चलायी जा रही है। हमारा समय, कम से कम इस समय सत्तारूढ़ शक्तियों के किये-लेखे, गाँधी के अस्वीकार का, गाँधी-विरोध का समय है। यह विरोध या अस्वीकार गाँधी को एक नयी और तीक्ष्ण प्रासंगिकता देता है। उस प्रासंगिकता का ही हिस्सा है प्रश्नवाचकता जबकि प्रश्न पूछना लगभग गुनाह क़रार दिया जा रहा है। गाँधी ने अपने समय में निर्भयता से प्रश्न उठाये और उनके समुचित उत्तर देने की कोशिश की। युवा चिन्तक और कर्मशील संदीप जोशी हमारे समय के कुछ ज़रूरी प्रश्न और उसके बेचैन उत्तर खोजने की ‘गुस्ताख़ी’ कर रहे हैं। यह गाँधी की दृष्टि का हमारे कठिन समय के लिए पुनराविष्कार है।
—अशोक वाजपेयी
महात्मा गाँधी को सिरे से ख़ारिज करने या उनका अवमूल्यन करने की मुहिम, इन दिनों, सुनियोजित ढंग से चलायी जा रही है। हमारा समय, कम से कम इस समय सत्तारूढ़ शक्तियों के किये-लेखे, गाँधी के अस्वीकार का, गाँधी-विरोध का समय है। यह विरोध या अस्वीकार गाँधी को एक नयी और तीक्ष्ण प्रासंगिकता देता है। उस प्रासंगिकता का ही हिस्सा है प्रश्नवाचकता जबकि प्रश्न पूछना लगभग गुनाह क़रार दिया जा रहा है। गाँधी ने अपने समय में निर्भयता से प्रश्न उठाये और उनके समुचित उत्तर देने की कोशिश की। युवा चिन्तक और कर्मशील संदीप जोशी हमारे समय के कुछ ज़रूरी प्रश्न और उसके बेचैन उत्तर खोजने की ‘गुस्ताख़ी’ कर रहे हैं। यह गाँधी की दृष्टि का हमारे कठिन समय के लिए पुनराविष्कार है।
—अशोक वाजपेयी
About Author
संदीप जोशी
संदीप जोशी का जन्म 2 सितम्बर, 1966 को उनके ननिहाल, उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ। गाँधी शताब्दी में माता-पिता के साथ इंदौर से दिल्ली आ गए। दिल्ली में राजघाट के सामने पहले गाँधी निधि में, और फिर गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान में रहना हुआ। दिल्ली के भारतीय विद्या भवन में आरम्भिक शिक्षा पायी। चण्डीगढ़ में क्रिकेट खेलना शुरू किया। वापस दिल्ली आने पर सरदार पटेल विद्यालय और हिन्दू कॉलेज से शिक्षा कम, मगर क्रिकेट का खेलना ज़्यादा होता रहा। पन्द्रह साल तक लगातार इंग्लैण्ड जाकर क्रिकेट का खेलना जारी रहा। हरियाणा से क्रिकेट की रणजी ट्राफी खेली। क्रिकेट खेलने के ही लिए एअर इण्डिया, मुम्बई में नौकरी की शुरुआत की। दिल्ली लौटने और खेल थमने के बाद राजनीति, समाज और खेल पर ‘जनसत्ता’, ‘अमर उजाला’ और कई पत्र-पत्रिकाओं में लगातार लेखन चलता रहा है। ऐसे ही गाँधी विचार और क्रिकेट प्रेम में जीवन का चलना हुआ है। आजकल दिल्ली में रहते हुए एयर इण्डिया में कार्यरत हैं।
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