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Shiksha Ka Arth Evam Auchitya (PB)
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
| Author:
Ravindranath Prasad Singh
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
Radhakrishna Prakashan
Author:
Ravindranath Prasad Singh
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹250 ₹200
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9789391950088
Category Hindi
Category: Hindi
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शिक्षा अपने व्यापक अर्थ में नियत समय तक चलने वाली प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति शैशवावस्था से मरणासन्न तक जो कुछ सीखता और अनुभव प्राप्त करता है। प्राप्त सीख एवं अनुभव का उपयोग खुद और जग कल्याणार्थ करता है। खुद और दूसरों का मूल्य समझता है तथा इन मूल्यों की महत्ता समझते हुए जीवन का औचित्य साकार करता है। वही वास्तविक शिक्षा है।
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Description
शिक्षा अपने व्यापक अर्थ में नियत समय तक चलने वाली प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति शैशवावस्था से मरणासन्न तक जो कुछ सीखता और अनुभव प्राप्त करता है। प्राप्त सीख एवं अनुभव का उपयोग खुद और जग कल्याणार्थ करता है। खुद और दूसरों का मूल्य समझता है तथा इन मूल्यों की महत्ता समझते हुए जीवन का औचित्य साकार करता है। वही वास्तविक शिक्षा है।
About Author
रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह
जन्म : मुसहरिया, कुंडवा चैनपुर ढाका, पूर्वी चम्पारण (बिहार)।
शिक्षा : स्नातकोत्तर विज्ञान (बी.यू.); स्नातक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (पी.यू.)।
प्रकाशित कृतियाँ : आप भी सफल हो सकते हैं, सफलता के 5 सूत्र, ज़िन्दगी एक अवसर, ज़िन्दगी एक कला, जीवन एक दर्पण, क्या खोया और क्या पाया?, जीवन को बेहतर कैसे बनाएँ?, सोच को बदलें, व्यक्तित्व निर्माण, जीवन अनमोल है, जीवन का पैरामीटर।
प्रकाश्य : कर्म और धर्म एक है, बिहार का विकास एक सन्दर्भ, कर्म-मूल्य, ख़ुद को मोटिवेट करें, बेहतर आदमी कैसे बनें?, सफल आदमी कैसे बनें?
अभिरुचि : लेखन एवं समाज सेवा।
सम्प्रति : अपर समाहर्ता, मधेपुरा।
सम्पर्क : babu.piyush20@gmail.com
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