Chaar Nagron Ki Meri Duniya-(HB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
Jayant Vishnu Narlikar, Tr. Sunita Paranjape
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Rajkamal
Author:
Jayant Vishnu Narlikar, Tr. Sunita Paranjape
Language:
Hindi
Format:
Hardback

796

Save: 20%

In stock

Ships within:
3-5 days

In stock

Weight 0.79 g
Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789388753623 Category
Category:
Page Extent:

यह मूल रूप से कोल्हापुर में रहनेवाले और एक छोटे से परिवार में जन्मे एक ऐसे युवक की दास्तान है जो पढ़ने में तो मेधावी था ही, उससे भी ज्‍़यादा आत्मबल से सम्पन्न था। यह युवक हैं : जयंत नार्लीकर।
उनके पिता तात्यासाहब नार्लीकर भी बहुत मेधावी व्यक्ति थे। जयंत की स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई बनारस में ही हुई। आगे की पढ़ाई का उनका इरादा इंग्लैंड के ऑक्सब्रिज (ऑक्सफ़ोर्ड+कैम्ब्रिज) विश्वविद्यालय में करने का था। उनका अगला उद्देश्य ‘ट्रायपास’ परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएच.डी. के लिए अपना अध्ययन जारी रखना था, पर उन्हें एडमिशन मिला लंदन के फिट्जविलियम हाउस में। तब से लेकर अगले 15 वर्ष तक वे कैम्ब्रिज में ही रहे। यानी वहीं पढ़ाई की और बाद में नौकरी भी वहीं की। इसी दौरान उनके वहाँ, अमरीका और भारत में कई उल्लेखनीय व्याख्यान हुए, जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। भारत आने पर अपने पुराने बनारस शहर के अलावा मुम्बई-मद्रास-कोलकाता एवं अन्य जगहों पर उनका कई बार जाना हुआ और भारत में ही उनकी शादी हुई। उनके बारे में आप इस किताब में उन्हीं के शब्दों में जानेंगे।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Chaar Nagron Ki Meri Duniya-(HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

यह मूल रूप से कोल्हापुर में रहनेवाले और एक छोटे से परिवार में जन्मे एक ऐसे युवक की दास्तान है जो पढ़ने में तो मेधावी था ही, उससे भी ज्‍़यादा आत्मबल से सम्पन्न था। यह युवक हैं : जयंत नार्लीकर।
उनके पिता तात्यासाहब नार्लीकर भी बहुत मेधावी व्यक्ति थे। जयंत की स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई बनारस में ही हुई। आगे की पढ़ाई का उनका इरादा इंग्लैंड के ऑक्सब्रिज (ऑक्सफ़ोर्ड+कैम्ब्रिज) विश्वविद्यालय में करने का था। उनका अगला उद्देश्य ‘ट्रायपास’ परीक्षा उत्तीर्ण कर पीएच.डी. के लिए अपना अध्ययन जारी रखना था, पर उन्हें एडमिशन मिला लंदन के फिट्जविलियम हाउस में। तब से लेकर अगले 15 वर्ष तक वे कैम्ब्रिज में ही रहे। यानी वहीं पढ़ाई की और बाद में नौकरी भी वहीं की। इसी दौरान उनके वहाँ, अमरीका और भारत में कई उल्लेखनीय व्याख्यान हुए, जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। भारत आने पर अपने पुराने बनारस शहर के अलावा मुम्बई-मद्रास-कोलकाता एवं अन्य जगहों पर उनका कई बार जाना हुआ और भारत में ही उनकी शादी हुई। उनके बारे में आप इस किताब में उन्हीं के शब्दों में जानेंगे।

About Author

जयंत विष्णु नार्लीकर

 

शिक्षा : बी.एससी. (1957), बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (पिता विष्णु वासुदेव नार्लीकर यहाँ गणित के विभागाध्यक्ष थे), बी.ए. (1960), पीएच.डी. (1963), एम.ए. (1964), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लन्दन।

कैम्ब्रिज में वे ‘रैंग्लर’ रहे। पीएच.डी. करते समय उन्हें सुविख्यात वैज्ञानिक फ्रेड हॉयल का मार्गदर्शन मिला, जिन्होंने अपने ‘इंस्ट्टियूट ऑफ़ थिअॅरेटिक एस्ट्रॉनॉमी’ (सैद्धान्तिक  खगोलशास्त्र  संस्थान)  में  नार्लीकर  को संस्थापक सदस्यता का सम्मान दिया। मुम्बई लौटकर ‘टाटा इंस्ट्टियूट ऑफ़ फ़ंडामेंटल रिसर्च’ (टाटा मूलभूत शोध संस्थान) में प्राध्यापक हुए। सन् 1988 में स्थापित ‘इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फ़ॉर एस्ट्रॉनॉमी एंड एस्ट्रोफ़िज़िक्स’ (अन्तरविश्वविद्यालयीन खगोलशास्त्र तथा खगोल-भौतिक केन्द्र), पुणे के संस्थापक-संचालक बने। 1994-97 में ‘इंटरनेशनल एस्ट्रॉनॉमिकल यूनियन’ के कॉस्मोलॉजी कमीशन के अध्यक्ष रहे।

प्रकाशन : सैद्धान्तिकी, भौतिकशास्त्र, खगोल-भौतिकी तथा विश्वरचनाशास्त्र पर कई ग्रन्थ और शोध-निबन्ध। अपने वरिष्ठ मार्गदर्शक के साथ आविष्कृत किया गया उनका ‘हॉयल नार्लीकर सिद्धान्त’ खगोल-भौतिकी के हर ग्रन्थ में उद्धृत। विज्ञान-केन्द्रित कई पुस्तकें।

सम्मान : ‘टाइसन पदक’, ‘एस-सी.डी. उपाधि’ (कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय), ‘शान्तिस्वरूप भटनागर पुरस्कार’, ‘एम.पी. बिड़ला पुरस्कार’, भारतीय साहित्य विज्ञान अकादमी का ‘इन्दिरा पुरस्कार’, यूनेस्को का ‘कलिंग पुरस्कार’, ‘वाइरस’ पर ‘महाराष्ट्र सरकार का पुरस्कार’ तथा 1965 में ‘पद्मभूषण’ उपाधि। 2014 में उनकी आत्मकथा को मराठी भाषा में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ मिला।

सम्प्रति : अन्तरविश्वविद्यालयीन खगोलशास्त्र तथा खगोल-भौतिक केन्द्र (पुणे) के संचालक।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Chaar Nagron Ki Meri Duniya-(HB)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED