Breaking the Mould: Bharat Ke Arthik Bhawishya Ki Puneh Kalpana
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आज का भारत किधर जा रहा है? क्या यह इंग्लैंड को पाँचवेपोदान सेपछाड़कर आगे
वाकई विकास की राह पर है या अपनेलाखों-करोड़ों युवाओं को रोजगार देनेदे में
नाकामयाब हो रहा है? है भारत आज चौराहे पर है। है गलाकाट प्रतियोगिता और ऑटोमेशन
इसके विनिर्माण क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं। हैं इस किताब मेंलेखकद्वय कह रहे हैं कि
हम कैसेअपनेमानव संसाधन पर ध्यान देकर दे और अपनेमैनुफैक्चरिक सेक्टर को बढ़ाकर
देश दे को तरक्की की राह पर ला सकते हैं। हैं इसके लिए आर्थिक सुधार, संस्थाओं का
लोकतांत्रिकरण और विकेंद्रीकरण पर ध्यान देना दे होगा।
आज का भारत किधर जा रहा है? क्या यह इंग्लैंड को पाँचवेपोदान सेपछाड़कर आगे
वाकई विकास की राह पर है या अपनेलाखों-करोड़ों युवाओं को रोजगार देनेदे में
नाकामयाब हो रहा है? है भारत आज चौराहे पर है। है गलाकाट प्रतियोगिता और ऑटोमेशन
इसके विनिर्माण क्षेत्र के लिए खतरा बन गए हैं। हैं इस किताब मेंलेखकद्वय कह रहे हैं कि
हम कैसेअपनेमानव संसाधन पर ध्यान देकर दे और अपनेमैनुफैक्चरिक सेक्टर को बढ़ाकर
देश दे को तरक्की की राह पर ला सकते हैं। हैं इसके लिए आर्थिक सुधार, संस्थाओं का
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