Vidyapati Ki Kahaniyan

Publisher:
Vani prakashan
| Author:
Nagarjun
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Vani prakashan
Author:
Nagarjun
Language:
Hindi
Format:
Hardback

94

Save: 1%

In stock

Ships within:
10-12 Days

In stock

Weight 100 g
Book Type

ISBN:
SKU 9789350008683 Categories , Tags ,
Categories: ,
Page Extent:
92

कविता, निबंध, कहानी आदि की भाँति कुछ ऐसी पुस्तकें भी है जो कभी छपी और आज जाने कहाँ दबी पड़ी हैं। ‘नागार्जुन साहित्य’ की सूची में उनका उल्लेख तक नही है। प्रस्तुत पुस्तक भी उनमें से एक है। इसका प्रथम संस्करण 1964 में हुआ और द्वितीय 1966 में। परंतु समुचित प्रचार-प्रसार न होने से यह पुस्तक पाठकों के लिए अब तक ‘दुर्लभ पुस्तकों’ में से एक है। विद्यापति की कहानियों का छाया-रूपांतर उन्हीं दिनों किया गया, जिन दिनों ‘विद्यापति के गीत’ गद्य रूपांतर हुआ,अर्थात 1963 में।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vidyapati Ki Kahaniyan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

कविता, निबंध, कहानी आदि की भाँति कुछ ऐसी पुस्तकें भी है जो कभी छपी और आज जाने कहाँ दबी पड़ी हैं। ‘नागार्जुन साहित्य’ की सूची में उनका उल्लेख तक नही है। प्रस्तुत पुस्तक भी उनमें से एक है। इसका प्रथम संस्करण 1964 में हुआ और द्वितीय 1966 में। परंतु समुचित प्रचार-प्रसार न होने से यह पुस्तक पाठकों के लिए अब तक ‘दुर्लभ पुस्तकों’ में से एक है। विद्यापति की कहानियों का छाया-रूपांतर उन्हीं दिनों किया गया, जिन दिनों ‘विद्यापति के गीत’ गद्य रूपांतर हुआ,अर्थात 1963 में।

About Author

कविता, निबंध, कहानी आदि की भाँति कुछ ऐसी पुस्तकें भी है जो कभी छपी और आज जाने कहाँ दबी पड़ी हैं। ‘नागार्जुन साहित्य’ की सूची में उनका उल्लेख तक नही है। प्रस्तुत पुस्तक भी उनमें से एक है। इसका प्रथम संस्करण 1964 में हुआ और द्वितीय 1966 में। परंतु समुचित प्रचार-प्रसार न होने से यह पुस्तक पाठकों के लिए अब तक ‘दुर्लभ पुस्तकों’ में से एक है। विद्यापति की कहानियों का छाया-रूपांतर उन्हीं दिनों किया गया, जिन दिनों ‘विद्यापति के गीत’ गद्य रूपांतर हुआ,अर्थात 1963 में।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Vidyapati Ki Kahaniyan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED