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Kai Chaand The Sar-e-asman
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
| Author:
FARUQI, SHAMSUR RAHMAN
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
Publisher:
HIND POCKET BOOKS PRINTS
Author:
FARUQI, SHAMSUR RAHMAN
Language:
Hindi
Format:
Paperback
₹699 ₹454
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Book Type |
---|
Category: Hindi
Page Extent:
598
18वीं व 19वीं सदी के हिंद-इस्लामी तहज़ीब और अदबी समाज, ख़ासकर दिल्ली के समाज का आईना दिखाती किताब। 18वीं शताब्दी के राजपूताने से शुरू होने वाली और एक सदी से कुछ ज़्यादा समय बाद दिल्ली के लाल किले में ख़त्म होने वाली ये दास्तान हिंदुस्तानी फनकार की रूह की गहराइयों में उतरने की कोशिश करने के अलावा हिंद-इस्लामी तहज़ीब, अदबी समाज, अंग्रेज़ी सियासत और उसकी वजह से तहज़ीब और तारीख में हो रहे बदलावों को हमारे सामने पेश करती है। बादशाह के साए में फलने-फूलने वाली दिल्ली की तहज़ीब का मंजर गालिब, ज़ौक, दाग़, घनश्याम लाल आसी, इमामबख़्श सेहबाई, हकीम एहसानुल्ला खान के साथ-साथ बहादुर शाह ज़फर, मल्लिका ज़ीनत महल जैसे बहुत से हकीकी किरदारों से भी जमगगा रहा है।
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Sar-e-asman” Cancel reply
Description
18वीं व 19वीं सदी के हिंद-इस्लामी तहज़ीब और अदबी समाज, ख़ासकर दिल्ली के समाज का आईना दिखाती किताब। 18वीं शताब्दी के राजपूताने से शुरू होने वाली और एक सदी से कुछ ज़्यादा समय बाद दिल्ली के लाल किले में ख़त्म होने वाली ये दास्तान हिंदुस्तानी फनकार की रूह की गहराइयों में उतरने की कोशिश करने के अलावा हिंद-इस्लामी तहज़ीब, अदबी समाज, अंग्रेज़ी सियासत और उसकी वजह से तहज़ीब और तारीख में हो रहे बदलावों को हमारे सामने पेश करती है। बादशाह के साए में फलने-फूलने वाली दिल्ली की तहज़ीब का मंजर गालिब, ज़ौक, दाग़, घनश्याम लाल आसी, इमामबख़्श सेहबाई, हकीम एहसानुल्ला खान के साथ-साथ बहादुर शाह ज़फर, मल्लिका ज़ीनत महल जैसे बहुत से हकीकी किरदारों से भी जमगगा रहा है।
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