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Ziddi Radio (PB)

Publisher:
Rajkamal
| Author:
PANKAJ MITRA
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
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Rajkamal
Author:
PANKAJ MITRA
Language:
Hindi
Format:
Hardback

198

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पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी कहानी को जिन लेखकों ने अपनी रचनाशीलता से समृद्ध किया है, उनमें पंकज मित्र का नाम प्रमुख है। एक ख़ास तरह की देशज स्थानीयता के साथ वे ज़िन्दगी के तमाम रंगों को प्रकट कर देते हैं।
‘ज़िद्दी रेडियो’ पंकज मित्र का नया कहानी-संग्रह है। इसकी 10 कहानियाँ भारतीय समाज के वर्तमान की गहरी पड़ताल करती हैं। विशेषकर भूमंडलीकरण और उन्मुक्त पूँजीवाद के बाद परिवार से बाज़ार तक रिश्तों के बदलते समीकरणों पर लेखक ने अपना ध्यान केन्द्रित किया है। अपने स्वभाव और बचे-खुचे जीवन के लिए ज़िद करते स्वप्नमय बाबू, क़र्ज़ की दहशत और उसके लोलुप आकर्षण के मारे बिलौटी महतो, ऊलजुलूल जीवन में उलझे बंटी, बबली, विचित्र विस्थापन के शिकार अनिकेत बाबू—ऐसे अनेक चरित्रों से सम्पन्न ये कहानियाँ आम आदमी का सच्चा चित्रण करती हैं।
पंकज मित्र इन कहानियों के ज़रिए कुछ ज़रूरी बहसें उठाते हैं। फिर भी, कहीं भी ऊपरी सतह पर तैरती सैद्धान्तिकी यहाँ नज़र नहीं आती। सहज सरस भाषा, आंचलिकता जिसका प्रभावी गुण है, में लिखी ये कहानियाँ पाठक को नई शताब्दी की सक्रिय सामाजिकता के बीच ला खड़ा करती हैं।

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Description

पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी कहानी को जिन लेखकों ने अपनी रचनाशीलता से समृद्ध किया है, उनमें पंकज मित्र का नाम प्रमुख है। एक ख़ास तरह की देशज स्थानीयता के साथ वे ज़िन्दगी के तमाम रंगों को प्रकट कर देते हैं।
‘ज़िद्दी रेडियो’ पंकज मित्र का नया कहानी-संग्रह है। इसकी 10 कहानियाँ भारतीय समाज के वर्तमान की गहरी पड़ताल करती हैं। विशेषकर भूमंडलीकरण और उन्मुक्त पूँजीवाद के बाद परिवार से बाज़ार तक रिश्तों के बदलते समीकरणों पर लेखक ने अपना ध्यान केन्द्रित किया है। अपने स्वभाव और बचे-खुचे जीवन के लिए ज़िद करते स्वप्नमय बाबू, क़र्ज़ की दहशत और उसके लोलुप आकर्षण के मारे बिलौटी महतो, ऊलजुलूल जीवन में उलझे बंटी, बबली, विचित्र विस्थापन के शिकार अनिकेत बाबू—ऐसे अनेक चरित्रों से सम्पन्न ये कहानियाँ आम आदमी का सच्चा चित्रण करती हैं।
पंकज मित्र इन कहानियों के ज़रिए कुछ ज़रूरी बहसें उठाते हैं। फिर भी, कहीं भी ऊपरी सतह पर तैरती सैद्धान्तिकी यहाँ नज़र नहीं आती। सहज सरस भाषा, आंचलिकता जिसका प्रभावी गुण है, में लिखी ये कहानियाँ पाठक को नई शताब्दी की सक्रिय सामाजिकता के बीच ला खड़ा करती हैं।

About Author

पंकज मित्र 

पंकज मित्र का जन्म 15 जनवरी, 1965 को राँची, झारखंड में हुआ। उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. किया और विनोबा भावे विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में पी-एच.डी. की है। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘क्विजमास्टर’, ‘हुड़ुक-लुल्लू’, ‘ज़िद्दी रेडियो’, ‘बाशिंदा@तीसरी दुनिया’ (कथा-संग्रह)। 

उन्हें इंडिया टुडे के ‘युवा लेखन पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद के ‘युवा सम्मान’, ‘मीरा स्मृति सम्मान’, ‘वनमाली कथा सम्मान’, ‘रेवांत मुक्तिबोध सम्मान’, ‘जयशंकर प्रसाद सम्मान’, ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’ और ‘कथाक्रम सम्मान’ से सम्मानित किया जा चुका है।  

सम्प्रति : आकाशवाणी जमशेदपुर में कार्यक्रम अधिशासी।

सम्पर्क : 102, हरिओमशान्ति अपार्टमेंट, साकेत विहार, हरमू, राँची, झारखंड-834002

ई-मेल : pankajmitro@gmail.com

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