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Yogasan Aur Pranayam

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Swami Akshya Atmanand
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback

263

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1-4 Days

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Book Type

ISBN:
SKU 9789383111725 Categories , Tag
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Page Extent:
168

इस पुस्तक को सभी प्रकार के लोग पढ़ेंगे । योगासन से सम्बन्धित यह पुस्तक न तो पहली है और न अद‍्भुत; परन्तु यह पुस्तक परम्पराओं से हटकर अवश्य है । पाठकों को यह इसलिए भी रुचिकर लगेगी, क्योंकि वे इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी गुरु के ही ‘ योगासन ‘ और ‘ प्राणायाम ‘ सीख सकेंगे । अन्य उपलब्ध पुस्तकों से कुछ अधिक जानकारी, अधिक सहजता और अधिक सावधानियां इस पुस्तक में दी जा रही है । सरलतम और अत्यावश्यक योगासन ही इसमें दिये जा रहे हैं । अधिक विस्तृत जानकारियां सभी स्‍तर के पाठकों को ध्यान में रखकर ही दी जा रही हैं, जिससे आपको कम-से-कम परेशानी हो और आप अधिक-से- अधिक लाभ प्राप्‍त कर सकें; चिकित्सक और रोगी इन जानकारियों का लाभ ले सकें । – इसी पुस्तक से अति सरल भाषा, विशिष्‍ट शैली, गम्‍भीरतम वैज्ञानिक विश्‍लेषण और सुबोध व्याख्या स्वामी अक्षय आत्मानन्दजी की पुस्तकों की ऐसी विशेषता है कि पाठक उनकी योग सम्बन्‍धी पुस्तकों की बार-बार मांग करते हैं । आप भी एक बार यदि किसी एक ग्रन्‍थ को पढ़ लेंगे तो सदैव स्वामी जी का साहित्य ही मांगेंगे । हमें विश्‍वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप भी योग विद्या में स्वयं काा प्रवीण कर सकेंगे।.

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Description

इस पुस्तक को सभी प्रकार के लोग पढ़ेंगे । योगासन से सम्बन्धित यह पुस्तक न तो पहली है और न अद‍्भुत; परन्तु यह पुस्तक परम्पराओं से हटकर अवश्य है । पाठकों को यह इसलिए भी रुचिकर लगेगी, क्योंकि वे इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी गुरु के ही ‘ योगासन ‘ और ‘ प्राणायाम ‘ सीख सकेंगे । अन्य उपलब्ध पुस्तकों से कुछ अधिक जानकारी, अधिक सहजता और अधिक सावधानियां इस पुस्तक में दी जा रही है । सरलतम और अत्यावश्यक योगासन ही इसमें दिये जा रहे हैं । अधिक विस्तृत जानकारियां सभी स्‍तर के पाठकों को ध्यान में रखकर ही दी जा रही हैं, जिससे आपको कम-से-कम परेशानी हो और आप अधिक-से- अधिक लाभ प्राप्‍त कर सकें; चिकित्सक और रोगी इन जानकारियों का लाभ ले सकें । – इसी पुस्तक से अति सरल भाषा, विशिष्‍ट शैली, गम्‍भीरतम वैज्ञानिक विश्‍लेषण और सुबोध व्याख्या स्वामी अक्षय आत्मानन्दजी की पुस्तकों की ऐसी विशेषता है कि पाठक उनकी योग सम्बन्‍धी पुस्तकों की बार-बार मांग करते हैं । आप भी एक बार यदि किसी एक ग्रन्‍थ को पढ़ लेंगे तो सदैव स्वामी जी का साहित्य ही मांगेंगे । हमें विश्‍वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप भी योग विद्या में स्वयं काा प्रवीण कर सकेंगे।.

About Author

About the Author स्वामी श्री अक्षय आत्मानन्द ' योग-जगत् ' के एक अति श्रद्धास्पद अधिकारी गुरु के रूप में प्रख्यात नाम है- स्वामी श्री अक्षय आत्मानन्दजी का । स्वामीजी ने योगासन, प्राणायाम, अध्यात्म विज्ञान, सम्मोहन विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान आदि विषयों पर अत्यन्त सरल- सुबोध भाषा, तार्किक शैली में अति रोचक अनेक ग्रन्‍‍थों की रचना की है । स्वामीजी का साहित्य इतना सराहा गया है कि उनके ग्रंथों के कई-कई संस्करण हुए हैं । स्वामीजी महाराज का जीवन नितान्त स्वच्छ, सरल तथा निश्छल है । स्वामीजी पाठकों की योग सम्बन्धी समस्याओं के समाधान पत्र द्वारा भी करते हैं ।
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