Vasudev

Publisher:
Penguin Hindi
| Author:
Narendra Kohli
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback
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Penguin Hindi
Author:
Narendra Kohli
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Hindi
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Paperback

383

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SKU 9789353490034 Category Tag
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544

प्रख्यात कथाकार नरेन्द्र कोहली का उपन्यास ‘वसुदेव’ चरम जिजीविषा की कथा है। जो कष्ट देवकी और वसुदेव ने सहे, संसार के इतिहास में उनकी कोई तुलना नहीं। स्वयं बन्दियों का जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने अपने छः-छः पुत्रों की हत्या होते हुए देखी। परिवार, समाज, शासन अथवा राज्य के बाहर कहीं से भी किसी प्रकार की सहायता की कोई सम्भावना दिखाई नहीं दे रही थी, किन्तु उनकी संघर्ष की ऊर्जा समाप्त नहीं हुई। कंस उनके साहस को पराजित नहीं कर सका। अपने सातवें पुत्र को इतने अद्भुत ढंग से बचा ले गए, जिसे हमारी कथाओं में योगमाया की लीला ही माना जा सका। भक्ति के धरातल पर आस्था की यह कथा ही राजनीति के धरातल पर एक अत्यन्त दुष्ट और शक्तिशाली शासक के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष की गाथा है। वसुदेव के आरम्भिक संघर्ष के पश्चात् इस युद्ध को स्वयं कृष्ण लड़ते हैं और गोकुल से आरम्भ कर, मथुरा और द्वारका से होते हुए, कुरुक्षेत्र तक वे राक्षसों का वध करते हैं|

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Description

प्रख्यात कथाकार नरेन्द्र कोहली का उपन्यास ‘वसुदेव’ चरम जिजीविषा की कथा है। जो कष्ट देवकी और वसुदेव ने सहे, संसार के इतिहास में उनकी कोई तुलना नहीं। स्वयं बन्दियों का जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने अपने छः-छः पुत्रों की हत्या होते हुए देखी। परिवार, समाज, शासन अथवा राज्य के बाहर कहीं से भी किसी प्रकार की सहायता की कोई सम्भावना दिखाई नहीं दे रही थी, किन्तु उनकी संघर्ष की ऊर्जा समाप्त नहीं हुई। कंस उनके साहस को पराजित नहीं कर सका। अपने सातवें पुत्र को इतने अद्भुत ढंग से बचा ले गए, जिसे हमारी कथाओं में योगमाया की लीला ही माना जा सका। भक्ति के धरातल पर आस्था की यह कथा ही राजनीति के धरातल पर एक अत्यन्त दुष्ट और शक्तिशाली शासक के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष की गाथा है। वसुदेव के आरम्भिक संघर्ष के पश्चात् इस युद्ध को स्वयं कृष्ण लड़ते हैं और गोकुल से आरम्भ कर, मथुरा और द्वारका से होते हुए, कुरुक्षेत्र तक वे राक्षसों का वध करते हैं|

About Author

पद्मश्री नरेन्द्र कोहली वर्तमान युग के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित हिंदी-लेखक हैं। रामकथा पर आधारित उनके बृहदाकार उपन्यास ‘अभ्युदय’ ने हिंदी-उपन्यास की धारा बदल दी थी। पांडव-कथा के आधार पर लिखा गया उनका एक अन्य बृहद उपन्यास ’महासमर’ भी ‘अभ्युदय’ जितना ही लोकप्रिय हुआ। उनकी एक अन्य बहुचर्चित उपन्यास-श्रृंखला ‘तोड़ो कारा तोड़ो’ है, जो किसी भी भाषा में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर रची गई अब तक की दीर्घतम एवं सर्वश्रेष्ठ औपन्यासिक कृति है। ‘अभिज्ञान’, ‘’वसुदेव’, ‘आत्मस्वीकृति’, ‘वरुणपुत्री’, ‘सागर मंथन’, ‘अहल्या’ आदि उनकी अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। पद्मश्री के अतिरिक्त उन्हें हिंदी अकादमी, दिल्ली के शलाका सम्मान; उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान; के.के. बिरला फाउंडेशन, नई दिल्ली के व्यास सम्मान; मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के मैथिलीशरण गुप्त राष्ट्रीय सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं|

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