Tripura

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Neerja Madhav
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Neerja Madhav
Language:
Hindi
Format:
Hardback

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मानव-मन स्वभावतः अपने सच्चिदानंद स्वरूप आत्मा की खोज में भटकता है, जिसे अज्ञान के कई आवरणों को भेदकर ही पाया जा सकता है। यह आवरण कैसे हटे? ज्ञान कैसे उपलब्ध हो? इस नवन्यास का मुख्य प्रतिपाद्य है। त्रिपुरा इस नवन्यास की महानायिका हैं। सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर पूरे ब्रह्मांड में सूक्ष्म व्याप्ति के साथ-साथ स्थूल विग्रह स्वरूप में सुमेरु पर्वत पर लोक-कल्याण हेतु न करने तक की कथा में दत्तात्रेय और परशुराम संवाद करते उपस्थित रहते हैं। प्राचीन शास्त्रों, विशेषरूप से तंत्रशास्त्र की भाषा गूढ़ और सांकेतिक होती है। भाषा की उस सांकेतिकता को आज के संदर्भ में डीकोड करने की आवश्यकता है। इसके रहस्य को समझे बिना, संकेत को जाने बिना शक्ति और शक्तिमान के गूढ़ रहस्य को नहीं समझा जा सकता। उसके अभाव में यह नवन्यास मात्र एक आख्यान सा लगेगा। त्रिपुरा आदिशक्ति हैं और उन्हें धारण करनेवाले परम तत्त्व के रूप में शक्तिमान हैं। त्रिपुरा नवन्यास उसी शक्ति और शक्तिमान की पृष्ठभूमि है।.

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Description

मानव-मन स्वभावतः अपने सच्चिदानंद स्वरूप आत्मा की खोज में भटकता है, जिसे अज्ञान के कई आवरणों को भेदकर ही पाया जा सकता है। यह आवरण कैसे हटे? ज्ञान कैसे उपलब्ध हो? इस नवन्यास का मुख्य प्रतिपाद्य है। त्रिपुरा इस नवन्यास की महानायिका हैं। सृष्टि की उत्पत्ति से लेकर पूरे ब्रह्मांड में सूक्ष्म व्याप्ति के साथ-साथ स्थूल विग्रह स्वरूप में सुमेरु पर्वत पर लोक-कल्याण हेतु न करने तक की कथा में दत्तात्रेय और परशुराम संवाद करते उपस्थित रहते हैं। प्राचीन शास्त्रों, विशेषरूप से तंत्रशास्त्र की भाषा गूढ़ और सांकेतिक होती है। भाषा की उस सांकेतिकता को आज के संदर्भ में डीकोड करने की आवश्यकता है। इसके रहस्य को समझे बिना, संकेत को जाने बिना शक्ति और शक्तिमान के गूढ़ रहस्य को नहीं समझा जा सकता। उसके अभाव में यह नवन्यास मात्र एक आख्यान सा लगेगा। त्रिपुरा आदिशक्ति हैं और उन्हें धारण करनेवाले परम तत्त्व के रूप में शक्तिमान हैं। त्रिपुरा नवन्यास उसी शक्ति और शक्तिमान की पृष्ठभूमि है।.

About Author

नीरजा माधव जन्म: 15 मार्च, 1962 को ग्राम कोतवालपुर, पो. मुफ्तीगंज, जिला जौनपुर में। शिक्षा: एम.ए. (अंगे्रजी), बी.एड., पी-एच.डी.। प्रकाशन: सात कहानी-संग्रह; चार कविता-संग्रह; ग्यारह उपन्यास; तेरह ललित निबंध संग्रह। कई कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद; कुछ रचनाएँ विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल। पुरस्कार-सम्मान: ‘सर्जना पुरस्कार’, ‘यशपाल पुरस्कार’, म.प्र. साहित्य अकादमी पुरस्कार, ‘शैलेश मटियानी राष्ट्रीय कथा पुरस्कार’, ‘शंकराचार्य पुरस्कार’, ‘राष्ट्रीय साहित्य सर्जक सम्मान’। संप्रति: सहायक निदेशक, आई.बी.पी.एस., आकाशवाणी (प्रसार भारती)।

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