The Everest Girl

Publisher:
Manjul
| Author:
Brijesh Rajput
| Language:
Hindi
| Format:
Paperback

298

Save: 15%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

Availiblity

ISBN:
SKU 9789355433114 Category
Category:
Page Extent:
180

ये उपन्यास सीहोर जिले के भोजनगर गाँव की रहने वाली मेघा परमार की जिन्दगी से जुड़ी सच्ची कहानी पर आधारित है। मेघा ने 22 मई 2019 को माउन्ट एवरेस्ट फ़तह किया था। मेघा मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही हैं जो एवरेस्ट पर पहुंचीं। भोपाल में रहने वालीं मेघा मध्य प्रदेश सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की ब्रांड एम्बेसडर भी रह चुकी हैं। पर्वतारोही के अलावा मेघा प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर हैं। इन दिनों वो मोटिवेशनल स्पीकर बनकर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में व्याख्यान देतीं हैं। पर्वतारोहण में उन्हें अनेक सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं। यह मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के दूर गाँव की लड़की मेघा परमार की एवरेस्ट विजय की सच्ची कथा है जिसे एक रोचक किस्से की तरह जब ब्रजेश राजपूत उपन्यास में तब्दील कर देते हैं तो वह एक सत्यकथा और बायोपिक होते हुये भी किसी परीकथा जैसी लगने लगती है। यह एक ग्रामीण लड़की के सपनों, हौसलों और संघर्ष की अविश्वसनीय सी लगती सच्ची कथा है जो ब्रजेश राजपूत की कलम का साथ पाकर बेहद रोचक और प्रेरक बन गई है। यहाँ ब्रजेश कहन के अपने पूरे रंग में हैं। वही संवेदना, वही किस्सागोई, वही डिटेलिंग, वही चरित्र के मन में उतर जाने की कला और विषय भी बेहद प्रेरक और अनछुआ सा। एक लड़की का संघर्ष और उसके हिमालय से ऊँचे हौसलों की कथा। बेहद पठनीय किताब है यह। डॉ ज्ञान चतुर्वेदी पदमश्री और मशहूर व्यंग्यकार एवरेस्ट विजेता मेघा परमार के एवरेस्ट फतह की कहानी बार-बार सबको सुनाई जानी चाहिए। कोई एक दिन में नहीं बन जाता विजेता। सागर की गहराई चूमने से लेकर एवरेस्ट पर देश का झंडा फहराने वाली एक जुनूनी लड़की का जीवन कैसा था? किन परिस्थितियों से निकल कर वहाँ तक पहुँची वो? मेघा के जीवन और उपलब्धियों की कथा सुनाने वाले पत्रकार-लेखक ब्रजेश राजपूत ने स्त्री मन में उतर कर ना सिर्फ उसके दुखों और अभावों का सटीक वर्णन किया है बल्कि सफलता की चोटी पर पहुँचने की रोमांचक दास्तान भी विश्वसनीय ढंग से सुनाई है। मेघा के बचपन के दुखों, अभावों की कथा पढ़ते हुए आँख नम हो जाती है। एक स्त्री पाठक विचलित हो सकती है। एक संवेदनशील मन तिलमिला सकता है। ब्रजेश ने अपनी भाषाई कौशल और सटीक वर्णनों से कथा को विश्वसनीयता प्रदान की है। जिंदगी को धार देने वाली एक प्रेरक किताब। गीताश्री -उपन्यासकार और पत्रकार

0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “The Everest Girl”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You have to be logged in to be able to add photos to your review.

Description

ये उपन्यास सीहोर जिले के भोजनगर गाँव की रहने वाली मेघा परमार की जिन्दगी से जुड़ी सच्ची कहानी पर आधारित है। मेघा ने 22 मई 2019 को माउन्ट एवरेस्ट फ़तह किया था। मेघा मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही हैं जो एवरेस्ट पर पहुंचीं। भोपाल में रहने वालीं मेघा मध्य प्रदेश सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की ब्रांड एम्बेसडर भी रह चुकी हैं। पर्वतारोही के अलावा मेघा प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर हैं। इन दिनों वो मोटिवेशनल स्पीकर बनकर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में व्याख्यान देतीं हैं। पर्वतारोहण में उन्हें अनेक सम्मान और पुरस्कार भी मिले हैं। यह मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के दूर गाँव की लड़की मेघा परमार की एवरेस्ट विजय की सच्ची कथा है जिसे एक रोचक किस्से की तरह जब ब्रजेश राजपूत उपन्यास में तब्दील कर देते हैं तो वह एक सत्यकथा और बायोपिक होते हुये भी किसी परीकथा जैसी लगने लगती है। यह एक ग्रामीण लड़की के सपनों, हौसलों और संघर्ष की अविश्वसनीय सी लगती सच्ची कथा है जो ब्रजेश राजपूत की कलम का साथ पाकर बेहद रोचक और प्रेरक बन गई है। यहाँ ब्रजेश कहन के अपने पूरे रंग में हैं। वही संवेदना, वही किस्सागोई, वही डिटेलिंग, वही चरित्र के मन में उतर जाने की कला और विषय भी बेहद प्रेरक और अनछुआ सा। एक लड़की का संघर्ष और उसके हिमालय से ऊँचे हौसलों की कथा। बेहद पठनीय किताब है यह। डॉ ज्ञान चतुर्वेदी पदमश्री और मशहूर व्यंग्यकार एवरेस्ट विजेता मेघा परमार के एवरेस्ट फतह की कहानी बार-बार सबको सुनाई जानी चाहिए। कोई एक दिन में नहीं बन जाता विजेता। सागर की गहराई चूमने से लेकर एवरेस्ट पर देश का झंडा फहराने वाली एक जुनूनी लड़की का जीवन कैसा था? किन परिस्थितियों से निकल कर वहाँ तक पहुँची वो? मेघा के जीवन और उपलब्धियों की कथा सुनाने वाले पत्रकार-लेखक ब्रजेश राजपूत ने स्त्री मन में उतर कर ना सिर्फ उसके दुखों और अभावों का सटीक वर्णन किया है बल्कि सफलता की चोटी पर पहुँचने की रोमांचक दास्तान भी विश्वसनीय ढंग से सुनाई है। मेघा के बचपन के दुखों, अभावों की कथा पढ़ते हुए आँख नम हो जाती है। एक स्त्री पाठक विचलित हो सकती है। एक संवेदनशील मन तिलमिला सकता है। ब्रजेश ने अपनी भाषाई कौशल और सटीक वर्णनों से कथा को विश्वसनीयता प्रदान की है। जिंदगी को धार देने वाली एक प्रेरक किताब। गीताश्री -उपन्यासकार और पत्रकार

About Author

ब्रजेश राजपूत टेलीविजन के पत्रकार हैं। वह भोपाल में एबीपी न्यूज से दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से जुड़े हैं। टीवी रिपोर्टिंग के साथ वह लेखन में भी सक्रिय हैं। टीवी रिपोर्टिंग और चुनाव पर लिखी गईं पांच किताबों के अलावा ये उनका पहला उपन्यास है। ब्रजेश ने सागर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और इतिहास में एम. ए. करने के बाद भोपाल के माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय से पीएच. डी. भी की है। ब्रजेश राजपूत को टीवी रिपोर्टिंग के लिए 'रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड' 2017 में और मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का पुरस्कार 2018 में किताब ऑफ द स्क्रीन के लिए मिल चुका है। इसके अलावा मुंबई प्रेस क्लब का रेड इंक अवॉर्ड और लगातार दो साल ई.एन.बी.ए अवॉर्ड भी उनको अपनी रिपोर्ट्स के लिए मिला है।
0 reviews
0
0
0
0
0

There are no reviews yet.

Be the first to review “The Everest Girl”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You have to be logged in to be able to add photos to your review.

YOU MAY ALSO LIKE…

Recently Viewed