Surang Ke Paar Bihar

Publisher:
Prabhat Prakashan
| Author:
Kumar Dinesh
| Language:
Hindi
| Format:
Hardback
Publisher:
Prabhat Prakashan
Author:
Kumar Dinesh
Language:
Hindi
Format:
Hardback

450

Save: 25%

In stock

Ships within:
1-4 Days

In stock

Book Type

ISBN:
SKU 9789350482902 Categories , Tag
Categories: ,
Page Extent:
272

प्रस्तुत पुस्तक में 2005 से 2010 तक यह बिहार की राजनीति का अति संक्षिप्‍त परिचय है। इसका जिक्र इसलिए किया गया है कि इस पुस्तक में शिक्षा, कानून-व्यवस्था, उद्योग-व्यापार, उग्रवाद, महिला सशक्‍तीकारण, स्वास्थ्य, भष्‍टाचार के विरुद्ध अभियान, कल्याणकारी कार्यक्रम और केंद्र-राज्य-संबंध जैसे जिन विषयों पर टिप्पणियाँ की गई हैं, उन्हें राजनीतिक बदलाव के सापेक्ष देखा जा सके। ये पत्रकारीय आकलन बिहार में घटित उस परिवर्तन को परत-दर-परत समझने में सहायक हो सकते हैं, जिसने देश-दुनिया का ध्यान खींचा। अमेरिकी पत्रिका ‘फोर्ब्स इंडिया’ ने 18 दिसंबर, 2010 को इस ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित करते हुए नीतीश कुमार को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ (2010) का पुरस्कार देने की घोषणा की। राजनीति ने जब सकारात्मक मोड़ लिया, तो उसके अनुरूप परिवर्तन के रंग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में दिखने लगे। ‘दैनिक जागरण’ के बिहार संस्करणों में प्रकाशित मेरे अग्रलेख इन सतरंगे बदलावों की तिथिवार झलक-मात्र हैं।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Surang Ke Paar Bihar”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Description

प्रस्तुत पुस्तक में 2005 से 2010 तक यह बिहार की राजनीति का अति संक्षिप्‍त परिचय है। इसका जिक्र इसलिए किया गया है कि इस पुस्तक में शिक्षा, कानून-व्यवस्था, उद्योग-व्यापार, उग्रवाद, महिला सशक्‍तीकारण, स्वास्थ्य, भष्‍टाचार के विरुद्ध अभियान, कल्याणकारी कार्यक्रम और केंद्र-राज्य-संबंध जैसे जिन विषयों पर टिप्पणियाँ की गई हैं, उन्हें राजनीतिक बदलाव के सापेक्ष देखा जा सके। ये पत्रकारीय आकलन बिहार में घटित उस परिवर्तन को परत-दर-परत समझने में सहायक हो सकते हैं, जिसने देश-दुनिया का ध्यान खींचा। अमेरिकी पत्रिका ‘फोर्ब्स इंडिया’ ने 18 दिसंबर, 2010 को इस ऐतिहासिक बदलाव को रेखांकित करते हुए नीतीश कुमार को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ (2010) का पुरस्कार देने की घोषणा की। राजनीति ने जब सकारात्मक मोड़ लिया, तो उसके अनुरूप परिवर्तन के रंग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में दिखने लगे। ‘दैनिक जागरण’ के बिहार संस्करणों में प्रकाशित मेरे अग्रलेख इन सतरंगे बदलावों की तिथिवार झलक-मात्र हैं।.

About Author

जन्म: आजादी के पाँच साल बाद, वसंत, 1953। शिक्षा: हाईस्कूल तक विज्ञान (पटना), स्नातक अर्थशास्‍‍त्र से (1974, पटना विश्‍वविद्यालय), अंग्रेजी में एम.ए. करने का प्रयास विफल, पारिवारिक परिस्थितियाँ विपरीत हुईं, संस्थागत अध्ययन छूटा, रुचि के अनुसार साहित्य से रिश्ता बना रहा। सक्रियता: जेपी आंदोलन, साहित्य, कला और रंगमंच। आजीविका: आज, यूएनआई, यूनीवार्त्ता, नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण में पत्रकारिता (सफर की शुरुआत 1980 से)।.

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Surang Ke Paar Bihar”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED PRODUCTS

RECENTLY VIEWED