srimad-bhagavat-mahapurana-1

Publisher:
Gita Press
| Author:
Gita Press Gorakhpur
| Language:
Hindi
| Format:
Granthakar

379

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श्रीमद्भागवतमहापुराण ग्रन्थाकार—श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मयका मुकुटमणि है। भगवान् शुकदेवद्वारा महाराज परीक्षित् को सुनाया गया भक्तिमार्गका तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोकमें श्रीकृष्ण-प्रेमकी सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्ध-ज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वयके साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानोंका अद्भुत संग्रह है। कलिसंतरणका साधन-रूप यह सम्पूर्ण ग्रन्थ-रत्न मूलके साथ हिन्दी-अनुवाद, पूजन-विधि, भागवत-माहात्म्य, आरती, पाठके विभिन्न प्रयोगोंके साथ दो खण्डोंमें उपलब्ध है।

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Description

श्रीमद्भागवतमहापुराण ग्रन्थाकार—श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मयका मुकुटमणि है। भगवान् शुकदेवद्वारा महाराज परीक्षित् को सुनाया गया भक्तिमार्गका तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोकमें श्रीकृष्ण-प्रेमकी सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्ध-ज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वयके साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानोंका अद्भुत संग्रह है। कलिसंतरणका साधन-रूप यह सम्पूर्ण ग्रन्थ-रत्न मूलके साथ हिन्दी-अनुवाद, पूजन-विधि, भागवत-माहात्म्य, आरती, पाठके विभिन्न प्रयोगोंके साथ दो खण्डोंमें उपलब्ध है।

About Author

गीताप्रेस की स्थापना सन् 1923 ई० में हुई थी। इसके संस्थापक महान गीता-मर्मज्ञ श्री जयदयाल गोयन्दका थे। इस सुदीर्घ अन्तरालमें यह संस्था सद्भावों एवं सत्-साहित्य का उत्तरोत्तर प्रचार-प्रसार करते हुए भगवत्कृपा से निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आज न केवल समूचे भारत में अपितु विदेशों में भी यह अपना स्थान बनाये हुए है।
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